अजित डोभाल की मीटिंग ने चीन की उड़ाई नींद,बड़े एक्शन की हो रही तैयारी
भारत के NSA अजीत डोभाल दुबई दौरे पर हैं. उनके इस दौरे की चर्चा बहुत हो रही है. आखिरकार इस दौरे की बारीकियां क्या है. क्यों इसकी इतने बड़े पैमाने पर चर्चा हो रही है. ये सवाल हर मन में आ रहे है. सबसे पहले आसान भाषा में आपको ये समझाने की कोशिश करते हैं.उदाहरण के दौर पर आपके पड़ोस में कोई ऐसा पड़ोसी रहता है जिसके पास पैसा भी है. आप के पास पैसों की कुछ तंगी है. पड़ोसी आपके पास आता है और कहता है कि मेरे पास पैसा है आप ले सकते हैं लेकिन इसके बदले में आपको कुछ मुझे देना होगा.आइये इसके तकनीकि पहलू पर चर्चा करते हैं. अमेरिका, भारत और संयुक्त अरब अमीरात के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर क्राउन प्रिंस से मिले. मिलने का मकसद था भारत, US और संयुक्त अरब अमीरात पश्चिमी देशों के रेल नेटवर्क से जोड़ना. ये योजना है अमेरिका की. अमेरिका और चीन के रिश्ते बहुत मधुर नहीं हैं. भारत और चीन के रिश्ते तो खराब दौर से गुजर ही रहे हैं. चीन की चाल है कि वो मिडिल ईस्ट में अपने पैर जमाए. इसकी शुरुआत वो कर चुका है. ईरान और सऊदी अरब के बीच जो समझौता हुआ उसकी अगुवाई चीन ने की. इसने केवल भारत को नहीं बल्कि अमेरिका को भी चौंका दिया.अब आप सोच रहे होंगे कि ईरान और सऊदी के बीच चीन ने अगर समझौता कराया तो इससे भारत को क्या परेशानी होगी. दरअसल, भारत की एनर्जी सिक्योरिटी के लिए ये पूरा एरिया बहुत महत्वपूर्ण है. चीन से भारत के संबंध ठीक नहीं है इसके कारण वो हमारी सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है. अमरेकी NSA जेक सुलविन, भारत के एनएसए अजीत डोभाल और यूएई के एनएसए शेख तहनून बिन जायद अल नाहयान का सऊदी अरब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिल सलमान का स्वागत किया है।