सरकारी स्कूलों के फंड में अभी तक पड़े हैं 1200 करोड़ रूपये,केके पाठक ने जारी किया नया फरमान

 सरकारी स्कूलों के फंड में अभी तक पड़े हैं 1200 करोड़ रूपये,केके पाठक ने जारी किया नया फरमान
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बिहार के माध्यमिक विद्यालयों में छात्र कोष और विकास कोष में करोड़ों रुपये जमा है, पर प्रधान शिक्षक उस राशि को विद्यालय के विकास कार्यों पर खर्च नहीं कर रहे हैं। यह हाल तब है, जब विभाग और डीईओ के स्तर से दोनों मद की राशि खर्च करने की हरी झंडी दी जा चुकी है। यह जानकर हर किसी को थोड़ी देर के लिए ताज्जुब होगा कि विकास/छात्र कोष की करोड़ों रुपये, जुलाई- 23 तक कोई एक-दो करोड़ नहीं, बल्कि पूरे 1200 करोड़ रुपये जमा था। शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद कुछ माध्यमिक विद्यालयों में यह राशि खर्च की गई है, तो अधिकतर विद्यालयों के प्रधान शिक्षक हाथ पर हाथ रख कर बैठे हुए हैं।स्कूल के विकास पर राशि खर्च नहीं करने को लेकर संवेदनहीनता दिखा रहे प्रधान शिक्षकों के प्रति शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने नाराजगी व्यक्त की है।

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इसको लेकर उन्होंने सूबे के सभी डीएम को ताजा पत्र भेजा है। उन्होंने कहा है कि 24 जुलाई 23 को उन्हें जानकारी दी गई थी छात्र और विकास कोष में 1200 रुपये पड़े हुए हैं। इसके बाद इस राशि को खर्च करने का निर्देश दिया गया था। यह कहा गया था कि अपने विद्यालय में खर्च करें और बगल के भी विद्यालय को राशि उपलब्ध कराएं। बहुत सारे स्कूलों में राशि खर्च की भी गई है, लेकिन कई माध्यमिक विद्यालय में अभी तक राशि खर्च की शुरुआत नहीं की गई है। इतना ही नहीं, बगल के माध्यमिक स्कूल को भी राशि उपलब्ध नहीं करा सके हैं। एक तरह से राशि देने में आनाकानी की जा रही है।अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने डीएम को माध्यमिक स्कूलों के प्रधान शिक्षकों की बैठक बुलाकर उन्हें इस बात की कड़ी हिदायत देने को कहा गया है कि छात्र और विकास कोष की राशि अपने विद्यालय में खर्च करें। साथ ही जिन विद्यालयों में 15 लाख से अधिक राशि हो, वो समीप के विद्यालयों को शौचालय, फर्नीचर और छात्रों के साइकिल स्टैंड के लिए राशि प्रदान करें। डीएम को यह भी निर्देश देने को कहा गया है कि जिन विद्यालयों में 15 लाख से अधिक राशि है और अगर वे 31 जनवरी 2024 तक व्यय नहीं करते हैं, तो सरकारी कोषागार में पूरी राशि जमा कर दें। यह राशि विद्यालय भवन/शौचालय निर्माण और मरम्मत के आलावा फर्नीचर, लैब, लाइब्रेरी, बाउंड्रीवाल और मैदान के समतल करने पर खर्च किए जाएंगे। इसके आलावा किसी कार्य के लिए विभाग से अनुमति लेनी होगी।

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