बिहार में पुल गिरा,सियासत शुरु,बीजेपी ने नीतीश सरकार से मांगा इस्तीफा तो तेजस्वी ने दिया सफाई
रविवार को पूरे विश्व में बिहार में भ्रष्टाचार का अद्भुत नमूना देखा। भागलपुर में गंगा नदी पर 17 सौ करोड़ से ज्यादा की लागत से बन रहे पुल के सुपर स्ट्रक्चर गिरने का लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेडिंग में है। इस पर राजनीति भी तेज हो गई है। बीजेपी ने नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार में आकंठ डूब जाने का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता अश्विनी कुमार चौबे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों से इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा है कि पुल के गिरने की जिम्मेदारी इन दोनों को लेना चाहिए। इस बीच पुल बनाने वाली सिंगला कंपनी के सभी कर्मी और पदाधिकारी फरार हैं। वही दुसरी तरफ बता दे कि इधर बिहार की राजधानी पटना में लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष की प्रस्तावित महाबैठक टलने के आसार हैं। इसकी तिथि आगे बढ़ाई जा सकती है। इसकी वजह है 12 जून की बैठक में कई महत्वपूर्ण नेताओं की अनुपलब्धता । विश्वस्त सूत्रों की मानें तो गंभीरता के साथ इसपर विचार हो रहा है। सभी दलों से राय ली जा रही है और सबकी सहमति से अगली तिथि पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा। रविवार देर रात इस बैठक के टलने से जुड़े सवाल पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी कहा कि बैठक को लेकर आप लोगों को पूरी जानकारी जल्द दी गी। हालांकि वह खुल कर बोलने से बचते रहे।बैठक से जुड़े सवाल पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, अभी इतना ही कह सकता हूं कि 12 जून की बैठक में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल नहीं होंगे। राहुल जी भारत में रहते तो जरूर आते। मुख्यमंत्री कुमार से उनकी बात भी हुई है। 12 को कांग्रेस से एक बड़े राज्य के सीएम और वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। जिसके चलते लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्षी दलों की प्रस्तावित महाबैठक टलने के आसार हैं। मिली जानकारी मुताबिक 12 तारीख की बैठक में न तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी और न ही इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के शामिल होने की स्थिति बन रही है। राहुल गांधी 12 तक अमेरिका की यात्रा पर हैं तो खड़गे की भी उस दिन व्यस्तता है। वहीं डीएमके नेता तथा तमिलनाडु के सीएम स्टालिन भी 12 जून को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में व्यस्त रहेंगे। अब 23 जून को हो सकती है बैठक हालांकि बैठक की तैयारियां चुकी हैं पूरी कांग्रेस की ओर से दोनों शीर्ष नेताओं की सहभागिता को लेकर बैठक आगे करने का भी प्रस्ताव था। एक-दो और बड़े नेता बैठक में अपने बदले प्रतिनिधि भेज रहे थे। इन हालातों के मद्देनजर अब बैठक की नयी तिथि तय की जा सकती है। चर्चा 23 जून को इसके आयोजन को लेकर भी हो रही है। हालांकि आयोजकों की ओर से बैठक को लेकर तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं।