पटना महावीर मंदिर द्वारा पूर्वी चंपारण जिले में बनवाया जा रहा है विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर,स्थापित होगा विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग

 पटना महावीर मंदिर द्वारा पूर्वी चंपारण जिले में बनवाया जा रहा है विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर,स्थापित होगा विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग
Sharing Is Caring:

पटना महावीर मंदिर द्वारा पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया चकिया पथ पर कैथवलिया-बहुआरा में विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य 20 जून से प्रारंभ हो जाएगा. महावीर मंदिर पटना के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि यह मंदिर विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर होगा, जिसके शिखर की ऊंचाई 270 फीट होगी. वर्ष 2025 के सावन तक मंदिर में विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना हो जाएगी और उसी साल आखिर तक विराट रामायण मंदिर बनकर तैयार हो जाएगी।किशोर कुणाल ने कहा कि विराट रामायण मंदिर निर्माण की पाइलिंग कराने के लिए सनटेक इंफ्रा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है जो पटना मेट्रो के पाइलिंग का काम कर रहे हैं. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि यह हनुमानजी की देन है कि कंपनी के सीएमडी खुद आए और उन्होंने कहा कि यह काम हमें दीजिए और बगैर एडवांस के उन्होंने काम शुरू करने के लिए एग्रीमेंट किया है।इसके लिए सिर्फ हमें मटेरियल देना है काम के आधार पर पैसा दिया जाएगा. पाइलिंग कराने का खर्च अनुमानित साढ़े 17 करोड़ रुपये रखा गया है. कंपनी के एक अधिकारी श्रवण कुमार झा ने बताया कि विराट रामायण मंदिर में कुल 3102 पिलर होंगे. पाइलिंग कार्य में 1050 टन स्टील और 15 हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट की खपत होगी. निर्माण में लगनेवाली सामग्रियां महावीर मंदिर उपलब्ध कराएगा।आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि विराट रामायण मंदिर तीन मंजिला होगा. मंदिर में प्रवेश के बाद प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गणेश के दर्शन होंगे. वहां से बढ़ते ही काले ग्रेनाइट की चट्टान से बने विशाल शिवलिंग के दर्शन होंगे. महाबलिपुरम में 250 टन वजन के ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराश कर मुख्य शिवलिंग के साथ सहस्रलिंगम भी बनाया जा रहा है।आठवीं शताब्दी के बाद सहस्रलिंगम का निर्माण भारत में नहीं हुआ है. शिवलिंग का वजन 200 टन, ऊंचाई 33 फीट और गोलाई 33 फीट होगी. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि इतने वजन के शिवलिंग को लाने के लिए चकिया से कैथवलिया की 10 किलोमीटर की दूरी तक सड़क और पुल-पुलिया के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण का अनुरोध बिहार के मुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री से किया गया है।

b80311d84af761bc3e7d442d58dfd8e01686049349758340 original

मंदिर की खासियत के बारे में आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मंदिर का क्षेत्रफल 3.67 लाख वर्गफुट होगा. सबसे ऊंचा शिखर 270 फीट का होगा और 198 फीट का एक शिखर होगा, जबकि 180 फीट के चार शिखर भी रहेंगे. 135 फीट का एक शिखर और 108 फीट ऊंचाई के 5 शिखर होंगे. विराट रामायण मंदिर की लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट है.आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अयोध्या में बन रहे रामलला मंदिर की लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट है, जबकि सबसे ऊंचा शिखर 135 फीट का है जो विराट रामायण मंदिर से आधी ऊंचाई है. उन्होंने बताया कि विराट रामायण मंदिर में शैव और वैष्णव देवी-देवताओं के कुल 22 मंदिर होंगे. मंदिर निर्माण के लिए 120 एकड़ जमीन उपलब्ध है. इस मंदिर वाले जगह को जानकी नगर के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां कई आश्रम, गुरुकुल,धर्मशाला आदि होंगे।किशोर कुणाल ने बताया कि विराट रामायण मंदिर का नाम पहले विराट अंकोरवाट मंदिर रखा गया था. कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर से मिलते नाम के कारण कंबोडिया सरकार ने वर्ष 2012 में अपनी आपत्ति दर्ज की, उसी वर्ष मंदिर का भूमि पूजन हुआ था. महावीर मंदिर न्यास ने कंबोडिया की आपत्ति के बाद मंदिर का नाम विराट रामायण मंदिर कर दिया. 5 साल तक विभिन्न पत्राचार और कवायद के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की उस रिपोर्ट के बाद मामला सुलझा जिसमें विराट रामायण मंदिर को अंकोरवाट मंदिर से अलग बताया गया. विराट रामायण मंदिर के निर्माण के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी अपनी अनापत्ति दी है।

Comments
Sharing Is Caring: