सीएम अरविंद केजरीवाल आज करेंगे लखनऊ दौरा,अखिलेश यादव से करेंगे मुलाकात

 सीएम अरविंद केजरीवाल आज करेंगे लखनऊ दौरा,अखिलेश यादव से करेंगे मुलाकात
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अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल की विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश जारी है. आज लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे. वह अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगेंगे. अबतक उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालीन से मुलाकात की है. लगातार वह राज्यसभा में समर्थन जुटाने की कोशिश में हैं. वही बता दें कि इससे पहले बता दें कि दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए अध्यादेश के खिलाफ सीएम अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों का समर्थन मांग रहे हैं. इस कड़ी में सीएम केजरीवाल ने पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से समर्थन मांगा है।्म्मा् ऐसी में बिहार के मुख्य्मंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार द्वारा लाया गया अध्यदश को गलत बताते हुए समर्थन देने का ऐलान किया है।केजरीवाल विपक्षी पार्टियों के सहयोग से इस अध्यादेश को राज्यसभा में पारित होने से रोकना चाहते हैं. इसके लिए वे विपक्षी नेताओं से उनके घर जाकर मुलाकात कर रहे हैं. सोमवार को दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंगलवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात करने के बाद बुधवार को केजरीवाल मुंबई पहुंचे, यहां उन्होंने मातोश्री पहुंचकर शिवसेना के प्रमुख और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की और अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगा. इसी कड़ी में आज केजरीवाल एनसीपी प्रमुख शरद पवार से उनके मुंबई में स्थित आवास पर मुलाकात करेंगे।bjp aap delhi mcd polls arvind kejriwal feathers 1668404101463 1668404101692 1668404101692सीएम अरविंद केजरीवाल ने कल यानी बुधवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने हमसे वादा किया है कि वे संसद में हमारा समर्थन करेंगे और अगर यह विधेयक संसद में पारित नहीं होता है तो 2024 में मोदी सरकार सत्ता में वापस नहीं आएगी. वहीं, उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम सब देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हैं. मुझे लगता है कि हमें ‘विपक्षी’ दल नहीं कहा जाना चाहिए, बल्कि केंद्र को ‘विपक्षी’ कहा जाना चाहिए क्योंकि वे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ हैं.

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