पंचायत चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में हिंसा,इलाके-इलाके में मुस्लिमों का विरोध,CM ममता की मुश्किलें बढ़ीं
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के पहले राज्य के विभिन्न इलाकों में हिंसा हो रही है. रानीनगर, डोमकल, भांगड़ से लेकर इस्लामपुर, चोपड़ा़ में नामांकन दाखिल करने को लेकर मारपीट और विरोध की घटनाएं हुई हैं, लेकिन पंचायत नामांकन के दौरान अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में हिंसा ज्यादा हुई है. राज्य के कई अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में इस बार प्रतिरोध का स्तर अधिक है. मृतकों में सभी अल्पसंख्यक समुदाय के हैं.अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में ज्यादा हिंसा विपक्षी खेमा अल्पसंख्यकों के मन में बदलाव के रूप में देख रहा है।और सत्ताधारी खेमा टीएमसी भी प्रतिरोध की इस प्रवृत्ति को लेकर चिंतित है. वही दुसरी तरफ बता दें कि इधर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है मणिपुर 50 दिन से जल रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने हिंसा, हत्या और नफरत पर एक शब्द नहीं बोला है. 120 से ज्यादा मारे गए, 50,000 से ज्यादा बेघर हो गए. मणिपुर के तमाम नेता PM से मुलाकात का समय मांग रहे हैं. भगवान जाने कहां व्यस्त हैं वो? कितनी पैकिंग करेंगे अमेरिका की? वही दुसरी तरफ बता दें कि इधर मणिपुर में हिंसा की आग अभी ठंडी नहीं हुई है. पिछले डेढ़ महीने से राज्य हिंसा की चपेट में है. केंद्र और राज्य सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. कई जिलों में अभी भी कर्फ्यू लगा हुआ है. अब कांग्रेस के नेतृत्व वाली मणिपुर की दस विपक्षी पार्टियों ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की अपील करते हुए उनके साथ बैठक की मांग की है.शनिवार को हिंसा को लेकर दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मणिपुर के तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की मांग की है. उन्होंने कहा कि उन्हें पीएम मोदी के 20 जून को अमेरिका के लिए रवाना होने से पहले हिंसा पर उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है. इबोबी सिंह ने कहा, उनकी मंशा राजनीतिक लाभ लेने की नहीं है. हम केवल शांति चाहते हैं. कृपया हमारी मदद करें.