छत्तीसगढ़ में BJP ने UCC को बनाया चुनावी मुद्दा तो कर्नाटक जैसा होगा हाल-कांग्रेस
छत्तीसगढ में इस साल के अंत में विधनसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव को लेकर रणनीति बनानी शुरू कर दी है. बुधवार को दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत राज्य के नेताओं की बैठक हुई. इस बैठक में जब यूसीसी का मुद्दा आया तो सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने दो-टूक कहा कि बीजेपी की धर्म की राजनीति की उम्र ज्यादा नहीं है. इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि देश संविधान, विचारधारा और सामाजिक समानता से चलेगा. हमको उसी पर चलना है. वही दुसरी तरफ बता दें कि इधर बीते दिनों कल यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर आम आदमी पार्टी का बड़ा बयान सामने आया है. पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री संदीप पाठक ने बुधवार को कहा कि सैद्धांतिक रूप से उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता का समर्थन करती है, लेकिन इस मुद्दे पर सभी धर्म-संप्रदायों से चर्चा कर आम सहमति बनानी चाहिए. संविधान का आर्टिकल 44 भी इसका समर्थन करता है. एक दिन पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साधा था और कहा था कि इसके नाम पर मुसलमानों को गुमराह किया जा रहा है. वही दुसरी तरफ बता दें कि इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत किए जाने के बाद अब इस मुद्दे पर राजनीतिक चर्चा शुरू हो गई है. इस मसले पर कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की प्रतिक्रिया सामने आई है. चिदंबरम ने कहा कि समान नागरिक संहिता को उचित ठहराने के लिए एक परिवार की तुलना एक देश से करना ठीक नहीं है. सामान्यतौर पर दोनों की तुलना सही लग सकती है, लेकिन वास्तविकता बहुत अलग है.कांग्रेस नेता ने ट्वीट करते हुए कहा, एक परिवार में खून के रिश्ते होते हैं जिससे सभी एक सूत्र में बंधे होते हैं जबकि एक राष्ट्र को संविधान के जरिए एक साथ लाया जाता है जो कि एक राजनीतिक-कानूनी दस्तावेज है. एक परिवार में भी विविधता होती, देश के संविधान ने भारत के लोगों के बीच विविधता को मान्यता दी है. दरअसल आपको बताते चलें कि कल पीएम मोदी ने पीएम मोदी ने समान नागरिक संहिता की वकालत की. पीएम ने लोगों से पूछा, क्या एक परिवार में दो नियम चलते हैं क्या? कुछ लोग वोट बैंक की राजनीति के लिए इसका विरोध कर रहे हैं. तीन तलाक का भी विरोध किया था. ये लोग अपने वोट बैंक के लिए मुस्लिम भाई-बहनों को भड़काने का काम कर रहे हैं.