बिहार में फिर से बंद हुआ बालू खनन,नीतीश सरकार के इस फैसले से घर बनाना हुआ मुश्किल
बिहार की नदियों से बालू खनन पहली जुलाई से 30 सितंबर तक के लिए बंद हो गया. हालांकि निर्माण का – र्यों में बालू की आपूर्ति जारी रखने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग ने सभी जिलों को बालू का बफर स्टॉक रखने का निर्देश दिया है. करीब पांच दिन पहले तक 17 लाख सीएफटी बालू का बफर स्टॉक सुरक्षित कर लिया गया था. एनजीटी के आदेश पर हर साल एक जुलाई से 30 सितंबर तक बालू का खनन बंद रहता है. हालांकि आपको बताते चलें कि बालू बंदी से सीमेंट, छड़ और ट्रक का व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है। बालू खनन बंद होने से जाम में राहत है। कोईलवर-छपरा और सकड्डी-नासरीगंज सड़क पर वाहनों का रेला नहीं दिख रहा। विभागीय सूत्रों के अनुसार एक से दो दिन और यह समस्या बने रहने की आशंका है। 25 दिसंबर से सभी घाट पर बालू उठाव बंद हो जाएगा। अगले साल जनवरी में नए सिरे से नीलामी होगी। ऐसे में आने वाले दिनों में बालू की किल्लत बढ़ने के आसार हैं। दरअसल आपको बताते चलें कि भोजपुर के जिला खनन पदाधिकारी आनंद प्रकाश ने बताया कि तीन-चार दिनों से तकनीकी गड़बड़ी के कारण बालू खनन बंद है, जल्द ही चालू करने का प्रयास विभाग द्वारा किया जा रहा है। सिर्फ भोजपुर जिले में 15 बालू घाटों से रोजाना बालू का खनन होता है। कोईलवर, संदेश, अगिआंव, तरारी और सहार प्रखंड के इन घाटों से प्रतिदिन लगभग 1000 ट्रक से ज्यादा बालू की ढुलाई होती है।