बीजेपी झूठ बोलने की फैक्ट्री,डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का भाजपा पर तीखा हमला
बिहार में एकबार फिर से सियासी उलटफेर होता दिखने वाला है। सीएम नीतीश कुमार की पार्टी और महागठबंधन से बगावत करने के बाद उपेंद्र कुशवाहा और वीआईपी चीफ जीतन राम मांझी के बाद अब एलजेपी चीफ चिराग पासवान भी एनडीए में शामिल होने का ऐलान कर दिया है। वही दुसरी तरफ बता दें कि सीएम नीतीश कुमार सभी मुद्दों पर नजर बनाए हुए हैं. वो सब देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के पास किसान और पहलवानों की बात सुनने का समय नहीं है. हमारी सरकार बिहार के युवाओं और छात्रों के लिए काम कर रही है. बीजेपी को बिहार की चिंता नहीं है. वही इधर बताते चलें कि रेलवे में जमीन के बदले नौकरी के केस में CBI की सप्लीमेंट्री चार्जशीट आने के बाद आज 12 जुलाई को पहली सुनवाई है। इसी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम जोड़ा गया है। आज यानी बुधवार 12 जुलाई को अदालत में सुनवाई होगी। नई दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में जमीन के बदले नौकरी के इस केस की सुनवाई की जाएगी। सीबीआई ने 3 जुलाई को ही रेलवे में नौकरी के बदले जमीन देने के घोटाले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी। इसी में तेजस्वी यादव का नाम भी जोड़ा गया था। इसी केस में पहले से ही आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव पूर्वसीएम राबड़ी देवी समेत 17 अन्य आरोपी हैं।उधर बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर भाजपा आक्रामक तेवर में है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद ने गरीबों-पिछड़ों को गुमराह कर सत्ता पायी और इसका दुरुपयोग केवल सम्पत्ति बनाने में किया। उन्होंने कहा कि उनका परिवार देश के सर्वाधिक भ्रष्ट राजनीतिक परिवारों में है। इससे बिहार शर्मसार है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने न पढाई पूरी की, न कोई नौकरी की और न उनके माता-पिता के पास कोई पुश्तैनी सम्पत्ति थी। ऐसे में उन्हें बताना चाहिए कि वे 33 साल की उम्र में 52 बहुमूल्य सम्पत्ति के मालिक कैसे बन गए?