मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता,कहा-एक्शन की है जरूरत
मणिपुर पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा है कि यह स्वीकार योग्य नहीं है. जो वीडियो सामने आए हैं वो चिंताजनक हैं. सीजेआई ने एसजी और एजी को कोर्ट में बुलाकर कहा कि एक्शन की जरूरत है. मई से एक्शन लिया जाना चाहिए था. यह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हो रहा है जो 11 अगस्त तक चलने की उम्मीद है. इस बार के मानसून सत्र का कार्यकाल 17 दिनों का है, जिसमें 31 बिल पेश किए जाने की तैयारी सरकार द्वारा की गई है. वही बता दें कि इस सत्र में पास कराने वाले बिल में नेशनल कैपिटल टेरिटरी दिल्ली अमेंडमेंट बिल, डेटा प्रोटेक्शन बिल सहित जम्मू कश्मीर रिजर्वेशन अमेंडमेंट बिल अहम हैं. इन सभी बिल को लेकर पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा की जा रही है. वही आपको बताते चलें कि दिल्ली सरकार ने केन्द्र सरकार के अध्यादेश की वैधता से दुखी होकर देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और इसे सहकारी संघवाद के खिलाफ बताया था. दरअसल आपको जानकारी देते चले कि दिल्ली सरकार के मुताबिक अध्यादेश की वजह से सरकार के शासन करने की प्रक्रिया पर असर पड़ेगा और केन्द्र और राज्य के बीच के रिश्ते खराब होंगे. सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार के पिटीशन को सुनने की तारीख 20 तारीख यानि गुरुवार को तय की है . गौरतलब है कि गुरुवार के दिन से ही मानसून सेशन की शुरुआत होने वाली है.