संसद में किसी भी दिन-किसी भी समय मणिपुर हिंसा पर चर्चा को तैयार सरकार-अमित शाह
सरकार मणिपुर हिंसा पर संसद में चर्चा और बहस के लिए तैयार है. गृह मंत्री अमित शाह ने संसद सत्र शुरू होने से पहले ही मणिपुर पर चर्चा के लिए लोकसभा स्पीकर को सहमति दे दी. 15 जुलाई को ही गृह मंत्रालय ने स्पीकर ऑफिस को इस मसले पर चर्चा में हिस्सा लेने का सहमति पत्र दे दिया था. गृह मंत्री ने किसी भी दिन, किसी भी समय चर्चा कराने की सहमति दे रखी है. वही दूसरी तरफ बता दें ताकि पीएम उम्मीदवार ने गुरुवार को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का हालचाल जाना. पीएम मोदी ने जब सत्र की शुरुआत में सोनिया गांधी की तबीयत के बारे में पूछा, तब उन्होंने पीएम से मणिपुर पर ही सवाल कर दिया. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि ‘मेरा हाल तो ठीक है, मणिपुर ठीक नहीं है. मुझे मणिपुर की महिलाओं की चिंता है और सदन में इसपर चर्चा होनी चाहिए.वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का हाल-चाल पूछा है.
पीएम ने लोकसभा के अंदर सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सोनिया गांधी से बात की है। वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर आज संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हो रहा है जो 11 अगस्त तक चलने की उम्मीद है. इस बार के मानसून सत्र का कार्यकाल 17 दिनों का है, जिसमें 31 बिल पेश किए जाने की तैयारी सरकार द्वारा की गई है. वही बता दें कि इस सत्र में पास कराने वाले बिल में नेशनल कैपिटल टेरिटरी दिल्ली अमेंडमेंट बिल, डेटा प्रोटेक्शन बिल सहित जम्मू कश्मीर रिजर्वेशन अमेंडमेंट बिल अहम हैं.
इन सभी बिल को लेकर पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा की जा रही है. वही आपको बताते चलें कि दिल्ली सरकार ने केन्द्र सरकार के अध्यादेश की वैधता से दुखी होकर देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और इसे सहकारी संघवाद के खिलाफ बताया था.
दरअसल आपको जानकारी देते चले कि दिल्ली सरकार के मुताबिक अध्यादेश की वजह से सरकार के शासन करने की प्रक्रिया पर असर पड़ेगा और केन्द्र और राज्य के बीच के रिश्ते खराब होंगे. सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार के पिटीशन को सुनने की तारीख 20 तारीख यानि गुरुवार को तय की है . गौरतलब है कि गुरुवार के दिन से ही मानसून सेशन की शुरुआत होने वाली है.