बिहार में जातीय जनगणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
बिहार में जाति आधारित गणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई है. पटना हाई कोर्ट ने सर्वे को हरी झंडी दी है, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. इसमें आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता अखिलेश कुमार सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. हालांकि बिहार सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर रखी है. वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर पटना हाई कोर्ट ने मंगलवार को नीतीश सरकार को बड़ी राहत देते हुए बिहार में जाति आधारित गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली आधा दर्जन याचिकाओं को खारिज कर दिया। इसके साथ ही इस गणना का रास्ता साफ हो गया है। बुधवार से ही प्रदेश में यह पुन: शुरू हो गई है। वही आपको बताते चलें कि पटना उच्च न्यायालय के आए फैसले के कुछ ही घंटे बाद सामान्य प्रशासन विभाग के आला अधिकारियों ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर उन्हें इस बारे में निर्देश दिए। मालूम हो कि जाति आधारित गणना के लिए सामान्य प्रशासन विभाग नोडल महकमा है। दरअसल आपको बताते चलें कि सभी जिलों में घर-घर जाकर प्रगणक द्वारा सर्वे किए जाने का काम लगभग पूरा हो गया है। जिन जिलों में यह काम थोड़ा भी बाकी है, उनके जिलाधिकारियों को यह कहा गया है कि एक टाइम लाइन तय कर उसे पूरा कर लिया जाए।