370 हटने के बाद J&K में होगा पहला पंचायत चुनाव,राजनीतिक दलों के लिए खुद को उभरने का बड़ा अवसर
जम्मू कश्मीर में जुलाई के अंतिम सप्ताह में पंचायती चुनावों की घोषणा होते ही राज्य के सभी राजनीतिक दल इसकी तायरियों में जुट गए हैं. हालांकि यह चुनाव नॉन पार्टी बेस पे होंगे लेकिन इनमें विजय पंच और सरपंच एक विशेष पार्टी के लिए आगे चलके लाभ जरूर दे सकते हैं. इसको देख यहां के बड़े राजनीतिक दल विशेषकर नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी खुद को इसे फिर से उभारने का एक अवसर मानकर मजबूती से तैयारी कर रही है. क्योंकि सभी दलों ने वर्ष 2018 में इन चुनावों से बहिष्कार किया था, जिस पर वह आज तक खुद को कोस रहे हैं.वही आपको बताते चलें कि बीजेपी भी जम्मू कश्मीर में अपना पांव जमाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। दरअसल आपको जानकारी देते चले कि घाटी में सबसे बड़े राजनीतिक दल नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने वर्ष 2018 में पंचायती चुनावों के बहिष्कार पर खुद को कोसा हैं और इसको उनके द्वारा हुई एक बड़ी गलती तक बता दिया है.