कांग्रेस चीफ खरगे ने राज्यसभा में उठाया अधीर रंजन के निलंबन का मुद्दा,बोले-ऐसा कभी नहीं होता जैसा लोकसभा में हुआ
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के निलंबन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अधीर रंजन को छोटे से मामले में निलंबित कर दिया गया। खरगे ने बताया कि लोकसभा में विपक्ष के नेता ने नीरव मोदी इसलिए कहा था क्योंकि नीरव का मतलब शांत, मौन है। उन्होंने कहा कि जैसा बीते दिन लोकसभा में हुआ, वैसा कभी नहीं देखा गया। वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के निलंबन पर NC सांसद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे अफसोस है कि संसद सत्र के आखिरी दिन एक अच्छे सदस्य को निलंबित किया गया है। हालांकि आपको इधर बताते चलें कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी शुक्रवार को पार्टी और सहयोगी दलों के प्रवक्ताओं की बैठक आयोजित करेगी। यह बैठक सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक चलेगी। वही आपको बता दें कि इस बैठक को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल संबोधित करेंगे और फिर समापन भाषण भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा देंगे। बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव पर चर्चा होगी और यह रणनीति तैयार की जाएगी कि राजग प्रवक्ताओं को मीडिया के समक्ष कैसे बोलना चाहिए।दरअसल मिडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार और सूत्रों के हवाले से बताया कि बैठक में राजग के सभी दलों से दो-दो प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों से दिल्ली की गद्दी पर कौन बैठेगा यह तय होता है। इसलिए भाजपा यूपी सभी सीटों पर फोकस कर रही है। वहीं लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के हाथ से खिसक गई 14 लोकसभा सीटों पर भी पार्टी की नजर हैं। आने वाले चुनाव में पार्टी इन सीटों पर भी भाजपा का परचम लहराना चाहती है। विपक्ष ने जहां लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आइएनडीआए गंठबंधन तैयार किया है वहीं भाजपा भी पूरी ताकत के साथ तैयारियों में जुटी है। वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी पूरे दमखम के साथ अपनी तैयारियों में जुट गई है।बीजेपी का फोकस उत्तर प्रदेश पर है, क्योंकि 2014 और 2019 में देश की सत्ता में काबिज होने में इसी राज्य की अहम भूमिका रही है. पीएम मोदी पूर्वांचल के काशी से सांसद हैं, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी इसी इलाके के गोरखपुर से आते हैं. यही वजह है कि बीजेपी के लिए पूर्वांचल काफी अहम हो जाता है, जिसके चलते ही पार्टी ने अपने दुर्ग को बचाए रखने के लिए जातीय आधार वाले दलों के साथ हाथ मिलाया है. ऐसे ही दक्षिण भारत में भी बीजेपी अपने सियासी समीकरण को मजबूत करने में जुटी है. इसी कड़ी में अब एनडीए सांसदों के साथ मंथन का सिलसिला भी शुरू हो गया है.