आज है नागपंचमी का पर्व,जानें महत्व,पूजा विधि,शुभ मुहूर्त और प्रसाद
आज 2 अगस्त को देशभर में नागपंचमी का पर्व मनाया जा रहा है. सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि में नागपंचमी का पर्व मनाने की परंपरा है. यह दिन नाग देवता की पूजा के लिए समर्पित होता है. हिंदू धर्म सावन की नागपंचमी का खास महत्व होता है, इसलिए सावन की नागपंचमी में खास पूजा पाठ का विधान है. मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मान्यता है कि नाग की पूजा करने से सांपों के कारण होने वाला किसी भी प्रकार का भय खत्म हो जाता है. नागपंचमी के दिन नाग देवता को तरह-तरह के पकवानों का भोग लगाया जाता है.कई लोग नागपंचमी के दिन व्रत रखते हैं. अगर आप भी व्रत कर रहे हैं तो आप इस व्रत वाली खीर को बना सकते हैं. इसे नागदेवता को अर्पित करने के बाद आप भी खा सकते हैं. खीर एक ऐसा लाजवाब डिजर्ट है जिसका नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. व्रतवाली खीर बनाने के लिए दूध, व्रत वाले चावल और चीनी आदि का इस्तेमाल किया जाता है।शास्त्रों के अनुसार इस दिन अष्टनागों की पूजा की जाती है. पंचमी के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान कर व्रत और पूजा का संकल्प लें. पूजा स्थल पर नागदेवता का चित्र लगाएं या मिट्टी के सर्प देवता बना कर उनको लाल कपड़ा बिछाकर चौकी पर स्थापित कर दें. हल्दी, रोली, चावल,कच्चा दूध और फूल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा करें. इसके बाद कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर नाग देवता को अर्पित करें.