नहाय खाय के साथ चैती छठ पूजा शुरू,जानें अर्घ्य देने की तिथि,शुभ-मुहूर्त और पारण का समय
चैती महापर्व छठ नहाय खाय के साथ आज से शुरू हो गया है। प्रकृति पूजन और लोक आस्था का महापर्व छठ पूरे देश में प्रसिद्ध है। मुख्य रूप से यह बिहार का पर्व माना जाता है। छठ का महापर्व साल में 2 बार मनाया जाता है। 1 कार्तिक मास में और दूसरा चैत्र मास में। चैत्र मास में करने वाले छठ व्रत को चैती छठ कहा जाता है। पंचांग के अनुसार, यह चैत्र मास के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह चार दिनों का एक महान पर्व है जहां पहले दिन की शुरुआत नहाए खाए से होती है। इस तरह से आस्था का महापर्व छठ साल में दो बार मनाया जाता है। यह पर्व पूरे चार दिनों तक चलता है। इसमें महिलाएं लगभग 36 घंटे का लंबा व्रत करती हैं, इसलिए यह व्रत बहुत ही कठिन माना जाता है। चार दिनों तक लगातार पूजा अर्चना और व्रत करने के कारण इसे महापर्व कहा जाता है। आइए जानते हैं चैत्र या चैती छठ पूजा महत्व, व्रत के नियम और पारण तिथि के बारे में।
चैत्र छठ का महत्व
शास्त्रों के अनुसार छठी माता भगवान सूर्य की मानस बहन हैं। इसलिए छठ के व्रत में छठी मईया और सूर्यदेव की पूजा करने का विधान है। यह व्रत महिलाओं के द्वारा अपनी संतान की लंबी आयु की कामना के लिए किया जाता है। मान्यता के अनुसार छठी मईया संतान की रक्षा करती हैं। सूर्यदेव की उपासना से आरोग्यता प्राप्त होती है। छठ पूजा में भगवान सूर्य देव की पूजा का विधान है। संध्या अर्घ्य के दिन भगवान सूर्य को अस्त होते हुए अर्घ्य दिया जाता है। वहीं, अगले दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
चैती छठ पूजा तिथि
साल 2023 में चैती छठ का पर्व 25 मार्च से 28 मार्च के बीच मनाया जाएगा। चैती छठ 2023 का सुबह का अर्घ्य और पारण 28 मार्च को होगा।
नहाय खाय
छठ का पर्व शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 25 मार्च 2023 से आरंभ होगा। इस दिन नहाय-खाय किया जाएगा। इस व्रत में साफ सफाई का बहुत ध्यान रखा जाता है। नहाय खाय के दिन पूरे घर की सफाई की जाती है और स्नान करके व्रत का संकल्प लिया जाता है, चने की सब्जी, चावल साग खाया जाता है और अगले दिन खरना से व्रत आरंभ हो जाता है।
खरना
26 मार्च 2023 दिन रविवार को पंचमी तिथि को लोहंडा या खरना किया जाएगा। इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ वाली खीर का प्रसाद बनाकर सूर्य देव की पूजा करने के बाद यह प्रसाद खाया जाता है, इसके बाद छठ के समापन के बाद व्रत का पारणा किया जाता है।
षष्ठी तिथि
27 मार्च 2023 सोमवार के दिन षष्ठी तिथि है। इस दिन अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। शाम के समय महिलाएं नदी या तालाब में खड़ी होकर हैं और सूर्य को अर्घ्य देती हैं।
चैती छठ महापर्व पारण तिथि
चैती छठ महापर्व का समापन सप्तमी तिथि 28 मार्च 2023 दिन मंगलवार को किया जाएगा। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले ही नदी या तालाब में पर पहुंच जाती हैं और पानी में उतरकर सूर्यदेव से प्रार्थना करती हैं। इसके बाद उगते हुए सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है। पूजा का समापन करके व्रत का पारण किया जाता है।