योगी के राज में मदरसे में भी होने लगा उर्दू के साथ संस्कृत की पढ़ाई,मुस्लिम बच्चे हीं नहीं बल्कि हिन्दू बच्चे भी जा रहे हैं पढ़ने

 योगी के राज में मदरसे में भी होने लगा उर्दू के साथ संस्कृत की पढ़ाई,मुस्लिम बच्चे हीं नहीं बल्कि हिन्दू बच्चे भी जा रहे हैं पढ़ने
Sharing Is Caring:

उत्तराखंड सरकार के मदरसा बोर्ड ने सभी मदरसों में संस्कृत की पढ़ाई को अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के एक मॉडर्न मदरसे में न केवल मुस्लिम बल्कि हिंदू छात्र-छात्राएं भी पढ़ती हैं. इस मॉडर्न मदरसे में छात्र-छात्राएं संस्कृत भी पढ़ते हैं. यहां के बच्चों का कहना है कि उन्हें न तो किसी भाषा को पढ़ने से दिक्कत है न ही किसी धर्म के छात्र से. इस मदरसे में मॉर्डन पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है.जानकारी के मुताबिक यह मदरसा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्थित है. कहने को तो यह मदरसा है लेकिन, यह मॉडर्न मदरसा आपकी सोच को बदल देने के लिए काफी है।

IMG 20230914 WA0057

यहां पढ़ने वाले बच्चे इंसानियत की मिसाल पेश कर रहे हैं. वहीं यहां पर पढ़ाने वाले शिक्षक भी इस बात का खास ख्याल रखते हैं कि सभी का समान रूप से सम्मान किया जाए और सिर्फ शिक्षा देने पर फोकस किया जाए. मदरसे में छात्र-छात्राओं का कहना है कि वह यहां पर सभी विषयों का अध्ययन करते हैं और मन लगाकर पढ़ाई कर रहे हैं.इस मदरसे में बच्चों को संस्कृत भाषा के साथ उर्दू भी पढ़ाई जाती है. बच्चों का कहना है कि वह जिस हिसाब से संस्कृत पढ़ रहे हैं उसी हिसाब से उर्दू भी सीख रहे हैं. बच्चों ने दोनों ही विषयों की तारीफ की है. उन्होंने बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि उन्हें किसी भी विषय और भाषा से आपत्ति नहीं है।

IMG 20230914 WA0058

न केवल ये दोनों भाषाएं बल्कि यहां के बच्चों को हिंदी और इंग्लिश भी पाठ्यक्रम के मुताबिक पढ़ाई जाती है.स्कूल के टीचर से जब बात की गई तो उन्होंने बताया यह एक मदरसा है लेकिन यहां पर हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समुदाय के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यहां पढ़ने वाले बच्चों को इस बात पर कोई आपत्ति नहीं है. बच्चे बहुत मन लगाकर और बिना किसी भेदभाव के शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. यहां पर पाठ्यक्रम में इंग्लिश, हिंदी, गणित, उर्दू और संस्कृत जैसे तमाम विषय पढ़ाए जाते हैं और शिक्षा पर ध्यान दिया जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति कई लोग इस विषय पर बेवजह राजनीति करते हैं लेकिन, उन्हें और मदरसे के छात्र-छात्राओं को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

Comments
Sharing Is Caring:

Related post