मोदी सरकार के विरोध में उतरे 20 राज्यो के हजारों सरकारी कर्मचारी,दिल्ली के रामलीला मैदान में दिया धरना
लोकसभा चुनाव को लेकर अलग-अलग दलों के बीच सियासी खींचतान के बीच दिल्ली के रामलीला मैदान में भारी संख्या में देशभर के सरकार कर्मचारी जुटे हैं, लेकिन यह मसला अभी सुर्खियों में कम है. दरअसल, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के हजारों कर्मचारी यहां रामलीला मैदान में एकत्र हुए हैं. कई विपक्षी दलों ने प्रदर्शनकारियों के प्रति अपना समर्थन जताया है. सरकारी कर्मचारियों की महारैली में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके कांग्रेस सहयोगियों अरविंदर सिंह लवली, संदीप दीक्षित और उदित राज के अलावा बहुजन समाज पार्टी के सांसद श्याम सिंह यादव तथा किसान नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए. विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकारी कर्मचारियों की मांग का खुला समर्थन किया है.दिल्ली के रामलीला मैदान में जारी ओल्ड पेंशन शंखनाद महारैली में प्रदर्शनकारियों ने नई पेंशन योजना (News Pension Scheme) का विरोध करते हुए कहा कि वे सेवानिवृत्ति के बाद अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम ज्वाइंट फोरम फॉर रेस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम और नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन के बैनर तले पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग के लिए यह महारैली आयोजित कर रहे हैं. ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के राष्ट्रीय संयोजक एवं महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा, ‘जो कर्मचारी एक जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में शामिल हुए हैं, वे नई पेंशन योजना का कड़ा विरोध कर रहे हैं. कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि उन्हें पुरानी पेंशन योजना से वंचित कर दिया गया है और नई पेंशन योजना में शामिल होने को मजबूर किया गया है.महारैली के आयोजकों ने दावा किया कि रैली में 20 राज्यों के सरकारी कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जो पार्टी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का वादा करेगी उसे 2024 के लोकसभा चुनाव में सत्ता में लाना चाहिए. हाथों में तख्तियां और झंडे लिए प्रदर्शनकारियों ने ‘इंकलाब जिंदाबाद’ और ‘कर्मचारी एकता जिंदाबाद’ के नारे लगाए. ‘नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम’ ( एनएमओपीएस) के नेता विजय कुमार बंधु ने पीटीआई वीडियो सेवा से कहा, ‘‘हमने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को वापस लाने का आह्वान किया था और हम अपने संघर्ष से कई राज्यों में ओपीएस को सफलतापूर्वक वापस लाने में कामयाब रहे हैं.’’उन्होंने कहा, ‘‘हमारी टीम का मानना था कि अगर केंद्र सरकार ओपीएस की पुष्टि करती है, तो जिम्मेदारी राज्य सरकार पर नहीं होगी. यही कारण है कि हम दिल्ली के रामलीला मैदान में विरोध जताने के लिए आए हैं. कांग्रेस शासित राज्यों ने ओपीएस बहाल कर दिया है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य पार्टी नेताओं ने कहा कि जैसे ही केंद्र में उनकी सरकार बनेगी, वह पूरे देश में ओपीएस लागू करेंगे. रैली में जहां टिकैत ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि किसान उनके साथ हैं, वहीं संजय सिंह ने कहा कि उन्होंने हमेशा संसद में पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा उठाया है. उदित राज ने कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आयी तो पहले ही दिन पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी जाएगी।