एटीएस के टीम को मिली बड़ी सफलता,जाली नोटों के रैकेट का किया भंडाफोड़
![एटीएस के टीम को मिली बड़ी सफलता,जाली नोटों के रैकेट का किया भंडाफोड़](https://www.aagaazfirstnews.com/wp-content/uploads/2023/10/IMG-20231019-WA0015.jpg)
नकली नोटों का धंधा करने वाले परवेज उर्फ पप्पू पटेल के घर और कार्यालय पर नागपुर एटीएस ने छापा मारकर लगभग 27 लाख रुपये कैश बरामद किए हैं। दो दिनों में दुगने से अधिक रुपये लौटाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले परवेज उर्फ पप्पू पटेल द्वारा जाली नोटों का रैकेट चलाए जाने के संदेह में एटीएस ने जब हसन बाग में ऑटो डील ऑफिस सहित तीन जगह पर छापे मारे। इस कार्रवाई में एटीएस द्वारा मोबाइल, लैपटॉप, डीबीआरएल दस्तावेज और नकद 27 लाख रुपये बरामद किए हैं। कल सुबह 9 बजे से ATS ने छापेमारी की शुरुआत की जो देर रात तक चलती रही।एटीएस के दस्ते ने छापेमारी कर दो लोगों को हिरासत में लिया है और लाखों रुपए की नकदी जप्त करने के साथ-साथ कई दस्तावेज भी जप्त किए हैं। एटीएस को गुप्त जानकारी मिली थी कि पप्पू पटेल नकली नोट के कारोबारी में लिप्त है। एटीएस को सूचना मिली थी कि पटेल लोगों का रकम दुगनी करने का लालच देकर ठगी भी करता है।एटीएस की टीम इस दिशा में भी छानबीन कर रही है कि कहीं इनका हवाला, टेरर फंडिंग से कोई संपर्क तो नहीं है।
![एटीएस के टीम को मिली बड़ी सफलता,जाली नोटों के रैकेट का किया भंडाफोड़ 1 IMG 20231019 WA0016](https://www.aagaazfirstnews.com/wp-content/uploads/2023/10/IMG-20231019-WA0016.jpg)
परवेज पटेल का हसन बाग में बिलाल इंटरप्राइजेज नाम से एक आलीशान कार्यालय है। पटेल अपने दोस्त के साथ मिलकर जमीन की खरीद-फरोख्त का भी काम करता है। बीते कुछ दिनों से एटीएस की टीम परवेज पटेल पर नजर रखी हुई थी। पटेल के बारे में एटीएस को गुप्त जानकारी मिली थी कि वह नकली नोटों के धंधे में लिप्त है।एटीएस से मिली जानकारी के अनुसार, इस रैकेट का नेटवर्क पड़ोसी राज्य एमपी और छत्तीसगढ़ तक फैला हुआ है। कई धनी लोग इस रैकेट के बलि चढ़े हैं। पुलिस में शिकायत करने की चेतावनी देने पर आरोपी हत्या करने और फर्जी मामले में फंसने की धमकी देकर शांत कर देते थे। लोगों को लूटने के लिए उसने एजेंट पाल रखे थे। यह एजेंट लोगों को असली नोटों की एवज में दोगुना नकली नोट दिलाने का झांसा देते थे। विश्वास में लेने के लिए लोगों को नकली बताकर असली नोट दिए जाते थे, यह नोट असली होने के कारण बाजार में आसानी से चल जाती थे। इसके बाद असली के बदले नकली नोट की डील करने बुलाया जाता था।