टीचर भर्ती को लेकर मांझी ने नीतीश-तेजस्वी पर बोला हमला,कहा-वोट दें बिहारी,नौकरी पाएं बाहरी
बिहार में चल रही शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य अभ्यर्थियों के सफल होने के बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने प्रदेश में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग की है. शुक्रवार (27 अक्टूबर) को एक बार फिर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने नीतीश सरकार (Nitish Government) पर हमला बोला है.जीतन राम मांझी ने शुक्रवार (27 अक्टूबर) को अपने एक्स हैंडल से लिखा, “बिहार के पढ़े लिखे युवा मजदूरी करें दूसरे राज्यों में और बिहारियों के हिस्से की सरकारी नौकरी ‘लैंड फॉर जॉब’ और ‘मनी फॉर जॉब’ के तहत आप बेच दें. बिहारी नौकरियों पर पहला अधिकार मांगे बिहारी बेरोजगार’, वोट दें बिहारी और नौकरी पाएं बाहरी, यह नहीं चलेगा. सूबे में डोमिसाइल नीति लागू हो।
“बता दें कि बिहार को 2 नवंबर को 1.20 लाख नए शिक्षक मिलेंगे. ये सभी शिक्षक बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से बहाल किए गए हैं. इनमें से 12 फीसद शिक्षक बिहार से बाहर के हैं. इसका मतलब है कि लगभग 14 हजार अभ्यर्थी दूसरे राज्यों के हैं. बताया जाता है कि ये सभी प्राथमिक शिक्षक के तौर पर अनारक्षित वर्ग में चयनित हुए हैं. कहा जा रहा कि इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के हैं. इसके अलावा झारखंड, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के भी अभ्यर्थी नियुक्त हुए हैं.अनारक्षित वर्ग में राज्य के बाहर के अभ्यर्थियों को भी शिक्षक नियुक्ति में आवेदन देने की छूट दी गई थी. प्राथमिक शिक्षक के रूप में कुल 72 हजार चयनित हुए हैं, इनमें 14 हजार दूसरे राज्यों के हैं.जीतन राम मांझी इस भर्ती को लेकर जांच की मांग कर चुके हैं. उन्होंने एक्स पर लिखा था, “बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति मामले की उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है. आरक्षण की अनदेखी कर यह नियुक्ति रेलवे के “लैंड फॉर जॉब” के तर्ज पर “मनी फॉर जॉब” स्कीम के तहत की गई है. “पैसा दो सरकारी नौकरी लो” घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. बिहार सरकार ने युवाओं का बेड़ा गर्क कर दिया है.” जीतन राम मांझी ने एक्स के जरिए यह भी कहा था कि सूबे के बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति घोटाले में “जॉब फॉर मनी” स्कैंडल को लेकर यदि ईडी की एंट्री होगी तो घमंडिया गठबंधन के लोग कहेंगे चुनाव है, तो छापेमारी हो रही है।