प्रकाश उत्सव पर लखनऊ में बोले राजनाथ सिंह-राम जन्मभूमि आंदोलन सिखों ने शुरू किया था इनके योगदान को नहीं भुलाया जा सकता
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार (29 अक्टूबर) को गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश उत्सव पर उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित आलमबाग गुरुद्वारे में माथा टेका. इसके बाद उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सिख समुदाय ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए बहुत कुछ किया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “यह सिख ही थे, जिन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन शुरू किया था और उनके योगदान को कोई भी भारतीय कभी नहीं भूल सकता.” इतना ही नहीं अपने संबोधन को दौरान उन्होंने लोगों के साथ एक तथ्य भी शेयर किया. सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “लखनऊ के आलमबाग में स्थित ऐतिहासिक गुरूद्वारे में श्री गुरू ग्रंथ साहिब के प्रकाश उत्सव के आयोजन में सम्मिलित हुआ.”उन्होंने कहा, “श्री गुरू ग्रंथ साहिब ज्ञान और करूणा का ऐसा सागर है, जिसमें गोते लगाकर, हर व्यक्ति को सही राह मिल जाती है।
. इसमें दिया गया ज्ञान, समय और सीमाओं के बंधन से मुक्त है. निस्वार्थ सेवा, शांति और बंधुत्व का संदेश देने वाले श्री गुरू ग्रंथ साहिब केवल सिख समाज के लिए ही नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए प्रेरणा स्रोत है.”लखनऊ के आलमबाग में स्थित ऐतिहासिक गुरूद्वारे में, श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश उत्सव के आयोजन में सम्मिलित हुआ।रक्षा मंत्री ने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन सिखों ने शुरू किया था. उन्होंने आगे कहा कि अब हर कोई अपने अधिकारों के बारे में बात करता है, लेकिन अपने कर्तव्यों के बारे में कोई बात नहीं करता. उन्होंने कहा, “अगर कोई ऐसा समुदाय है कि जिसका देश के लिए बलिदान देने वालों का प्रतिशत और सेना में उनका प्रतिशत उनकी जनसंख्या से अधिक है तो वह सिख समुदाय है.”उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “मैं सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक एक अहम तथ्य साझा करना चाहता था. एक एफआईआर के मुताबिक 1 दिसंबर 1858 को सिखों के एक समूह ने गुरु गोविंद सिंह के नाम के नारे लगाते हुए राम जन्मभूमि के परिसर पर कब्जा कर लिया और वहां की दीवारों पर हर जगह ‘राम राम’ लिख दिया।