यूपी में हलाल के उत्पाद बैन होने पर बोला मुस्लिम बोर्ड-ये सब सरकार के हिंदू-मुस्लिम एजेंडे का है हिस्सा

 यूपी में हलाल के उत्पाद बैन होने पर बोला मुस्लिम बोर्ड-ये सब सरकार के हिंदू-मुस्लिम एजेंडे का है हिस्सा
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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एग्जीक्यूटिव मेंबर और प्रवक्ता कासिम रसूल इलियास ने हलाल को लेकर लिये गए फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सीएम योगी पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि योगी सरकार पता नहीं कौन सी दुनिया में रहती है। आज पूरी दुनिया में हलाल सर्टिफिकेशन है। मुसलमान ऐसी वस्तुओं को नहीं खरीदेगा जिस पर हलाल का पता ना हो। अगर सरकार कहती है कि हलाल सर्टिफिकेशन का पैसा देश विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल होता है, तो इसके सबूत दे। ये बातें सिर्फ माहौल बनाने के लिए कही जाती हैं। उन्होंने कहा कि हलाल सर्टिफिकेशन रुकेगा तो करोड़ों का कारोबार प्रभावित होगा। ये सब कुछ सरकार के हिंदू-मुस्लिम एजेंडे का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि 2024 से पहले सियासी माहौल बनाया जा रहा है। वहीं CAA को लेकर गृह राज्य मंत्री के बयान पर भी कासिम रसूल इलियास ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने कानून बना दिया, लेकिन रूल्स फ्रेम नहीं किए। ये सब सिर्फ दिखावा है। उन्होंने कहा कि देश में पहले से ही इतनी आबादी है। ऐसे में लोगों को तय करना है कि वो और बोझ देश पर लेंगे क्या? बेरोजगारी और दूसरी समस्याओं को बढ़ाएंगे क्या? इसके साथ ही यूपी में लाउडस्पीकर मामले पर कासिम रसूल इलियास ने कहा कि लाउडस्पीकर ही नहीं बैन होने चाहिए बल्कि उन यात्राओं के शोर पर भी बैन लगाना चाहिए जिससे हंगामा किया जाता है।

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कांवड़ यात्रा में डीजे बजाए जाते हैं। दूसरी अन्य यात्राओं में भी हंगामा होता है, लेकिन वहां पाबंदी नहीं लगाई जाती।यूपी की योगी सरकार ने राज्य में हलाल प्रोडक्ट पर बैन लगाया है। दरअसल हलाल सर्टिफिकेशन देकर उत्पाद बेचने वाली कंपनियों पर हजरतगंज थाने में FIR दर्ज की गई थी। जिसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ा। जो लोग हलाल उत्पादों पर बैन की मांग कर रहे थे, उनका आरोप था कि धर्म की आड़ लेकर एक समुदाय विशेष में अनर्गल तरीके से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। क्योंकि मुस्लिमों को ये कहा जाता था कि जिन उत्पादों में हलाल सर्टिफिकेशन ना हुआ हो, वह इस्तेमाल ना करें। ऐसे में दूसरे समुदाय के कारोबार पर असर पड़ता था और कुछ कंपनियां हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर अनुचित तरीके से आर्थिक लाभ लेने की कोशिश करती थीं। आरोप यह भी था कि कुछ कंपनियां अपने फायदे के लिए ग्राहकों के बीच हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर भ्रम फैला रही हैं, जिससे आपसी भाईचारे पर भी प्रभाव पड़ रहा है।

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