29 को इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं JDU अध्यक्ष ललन सिंह,JDU के 90 फीसदी नेता NDA में जाने के लिए हैं सहमत
हमारे विश्वसनीय सूत्र के मुताबिक JDU की कोर टीम के कई नेता फिर से NDA में वापसी के पक्षधर हैं। इनका कहना है कि कांग्रेस ने JDU के साथ वादा करके धोखा दिया। लालू के बार-बार कहने के बावजूद कांग्रेस ने नीतीश को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ऐसे में JDU के कई दिग्गज नेता भी अपने मुखिया के साथ हुए सलूक से बेहद आहत और भड़के हुए हैं। सीधे और सपाट शब्दों में कहें तो ये नेता अब कांग्रेस से धोखेबाजी का बदला लेना चाहते हैं। अब ये समझिए कि ललन सिंह का इस्तीफा क्यों तय है?जब नीतीश ने एनडीए और बीजेपी का साथ छोड़ा था, तो इसका ऐलान से लेकर तमाम चीजों की जिम्मेदारी ललन सिंह ने संभाली थी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी पर आरोपों की झड़ी लगा दी थी। उसके बाद से ही अब तक वो बीजेपी पर जबरदस्त रूप से हमलावर हैं। हमारे सूत्र का दावा है कि अगर नीतीश कुमार ने अपने उन विधायकों, विधानपार्षदों और सांसदों के साथ कोर टीम के कुछ चुनिंदा नेताओं की बात मानी तो उनके NDA में जाने का मामला तय हो सकता है।
इस परिस्थिति को ललन सिंह भांप चुके हैं। ऐसे में अगर ऐसा हुआ… हम फिर से लिख रहे हैं कि अगर ऐसा हुआ तो ललन सिंह के लिए हालात असहज करने वाले होंगे। ठीक उसी तरह से जैसे JDU के तत्कालीन प्रवक्ता अजय आलोक ने इसलिए पार्टी छोड़ दी थी या निकाल दिए गए थे, क्योंकि वो लालू परिवार को बतौर प्रवक्ता भ्रष्टाचार के मामलों में डिफेंड करने में खुद को असहज महसूस कर रहे थे।अब सवाल ये कि आखिर ललन सिंह इस्तीफा क्यों दे रहे हैं? इसका कांग्रेस और इंडिया गठबंधन से क्या कनेक्शन है? इस सवाल का जवाब बेहद आसान है। जिस तरह से नीतीश ने विपक्षी एकता की अगुवाई की, उसमें ललन सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन आखिर में क्या हुआ, कांग्रेस ने एक तरह से सीएम नीतीश को इसके बदले में सम्मान देने के बजाए एक तरह से बेइज्जत कर दिया। बड़ी छतरी का रौब दिखा कर नीतीश को न तो संयोजक बनाया गया और न ही उनकी किसी बातों या प्लान को तरजीह दी गई। जाहिर है कि नीतीश के साथ अगर ऐसा हो तो वो अपना हिसाब सूद समेत वसूल करते हैं। हमारे सूत्र के मुताबिक अब यही नौबत आ चुकी है। हालांकि ये फैसला कब लिया जाएगा या इसको लेकर कोई ठोस फैसला कब होगा, ये भी अभी तय नहीं हुआ है।