शिक्षा विभाग में सुधार करने के लिए मांझी ने केके पाठक से की बड़ी मांग,विधायक का बच्चा हो या मंत्री का सरकारी स्कूल में कराना होगा पढ़ाई
बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं. कभी स्कूलों में योग्य शिक्षकों की कमी बताई गई तो कभी बेहतर पढ़ाई नहीं होना कारण बताया गया. हालांकि इन दिनों बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में काफी हद तक काम हो रहा है. शिक्षकों की बहाली हो रही है और साथ ही लापरवाही पर एक्शन भी लिए जा रहे हैं. इन सबके पीछे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) चर्चा में हैं. जब से उन्हें शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मिली है ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं. यही वजह है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने सुधार के क्षेत्र में ही केके पाठक से एक बड़ी मांग कर दी है।
जीतन राम मांझी ने गुरुवार (04 जनवरी) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “वैसे तो केके पाठक साहब शिक्षा के दिशा में अद्वितीय काम कर रहें हैं. पर यदि वह एक काम और कर दें तो शिक्षा के क्षेत्र में एतिहासिक सुधार हो जाएगा. मुख्य सचिव का बच्चा हो या चपरासी का, विधायक का बच्चा हो या मंत्री का, सरकार से वेतन उठाने वालों के बच्चे सरकारी स्कूल में ही पढ़ेंगे.”बता दें कि अक्सर यह सवाल उठते रहे हैं कि सरकारी विद्यालयों में अगर शिक्षा व्यवस्था अच्छी है तो वहां अफसर और विधायक या मंत्रियों के बच्चे क्यों नहीं पढ़ते हैं? कई बार इस तरह के बयान पहले भी सामने आ चुके हैं कि चाहे विधायक हो या मंत्री या फिर सरकारी कर्मी वह अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाए. अब एक बार फिर जीतन राम मांझी ने इस तरह का बयान देकर मुद्दा छेड़ दिया है।