नीतीश कैबिनेट का इसी सप्ताह होगा विस्तार,नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह देगी भाजपा और जदयू
सूबे में बीते लंबे समय से मंत्रिमंडल विस्तार पर लगा ब्रेक हट सकता है. 15 मार्च को नीतीश कैबिनेट (Nitish Cabinet) का विस्तार हो सकता है. 14 मार्च तक विधान परिषद की 11 सीटों के चुनाव की औपचारिकता पूरी हो जाएगी. इसके बाद कैबिनेट विस्तार हो सकता है. 28 जनवरी को ही एनडीए सरकार बनी थी, लेकिन अब तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है.कैबिनेट विस्तार में हो रही देरी को लेकर महागठबंधन लगातार नीतीश सरकार की घेराबंदी कर रहा है. अभी मौजूदा एनडीए सरकार में सीएम नीतीश को मिलाकर नौ मंत्री हैं. बीजेपी को अपने मंत्रियों की सूची फाइनल करने में देरी हुई है. बिहार विधानमंडल का बजट सत्र भी चल रहा था इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार में देरी हुई है. विधानसभा सदस्यों की संख्या के हिसाब से मुख्यमंत्री सहित कुल 36 मंत्री बन सकते हैं. 27 मंत्रियों की वैकेंसी है. संभव है कि कुछ पद खाली रखे जाएं. वहीं लोकसभा चुनाव को देखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय समीकरण का ख्याल भी रखा जाएगा.बीजेपी कोटे से अभी सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, प्रेम कुमार मंत्री हैं. सम्राट और विजय सिन्हा डिप्टी सीएम भी हैं. दोनों के पास 9-9 विभाग है. बीजेपी भविष्य की सियासत को देखते हुए करीब 40 % नए चेहरों को मंत्रिमंडल में मौका दे सकती है जो युवा हैं. बाकी 60% फीसद पुराने चेहरों को मंत्रिमंडल में बीजेपी कोटे से रिपीट किया जा सकता है. सूत्रों के अनुसार बीजेपी इस बार नए चेहरों में श्रेयसी सिंह, नीतीश मिश्रा, पवन जायसवाल, हरिभूषण ठाकुर बचौल को मौका दे सकती है. पुराने चेहरों में से नारायण प्रसाद, रामसूरत राय, नितिन नवीन, रामप्रीत पासवान, जनक राम इत्यादि को मौका मिल सकता है.जेडीयू की बात करें तो नीतीश कुमार सीएम हैं. उनके पास गृह विभाग, सामान्य प्रशासन समेत कुछ और विभाग हैं. विजय चौधरी, विजेंद्र यादव, श्रवण कुमार भी जेडीयू कोटे से अभी मंत्री हैं. निर्दलीय विधायक सुमित सिंह भी जेडीयू कोटे से मंत्री हैं. सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार में नीतीश जेडीयू के ज्यादातर पुराने चेहरों को मंत्रिमंडल में रिपीट कर सकते हैं. दो नए चेहरों को मौका दे सकते हैं. नए चेहरे की बात करें तो महेश्वर हजारी की मंत्रीमंडल में वापसी हो सकती है. दामोदर रावत को भी मौका मिल सकता है. इस बार पुराने चेहरों में अशोक चौधरी, जमा खान, लेसी सिंह, जयंत राज, सुनील कुमार, रत्नेश सदा इत्यादि को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.वहीं लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार एनडीए में इसी हफ्ते सीट बंटवारा भी हो सकता है. बीजेपी चाहती थी कि चिराग पासवान और पशुपति पारस में सुलह हो जाए, लेकिन चाचा-भतीजा समझौता करने के मूड में नहीं हैं. वहीं वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की भी एनडीए में एंट्री हो सकती है. बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. मुकेश सहनी एनडीए में आते हैं तो सूत्रों के अनुसार सीट शेयरिंग का फॉर्मूला यह हो सकता है कि बीजेपी 19 सीटों पर लड़े. पशुपति पारस, प्रिंस राज, चंदन सिंह बीजेपी के सिंबल पर लड़ सकते हैं. जेडीयू 14, चिराग की पार्टी एलजेपी आर 4+1 (राज्यसभा), जीतन राम मांझी एक, उपेंद्र कुशवाहा एक, मुकेश सहनी की पार्टी एक सीट पर लड़ सकती है. मुकेश सहनी एनडीए में नहीं आते हैं तो सूत्रों के अनुसार सीट शेयरिंग का फॉर्मूला यह हो सकता है- बीजेपी 19 सीटों पर लड़ सकती है जिसमें आरएलजेपी के पशुपति पारस, प्रिंस राज, चंदन सिंह बीजेपी के सिंबल पर लड़ सकते हैं. जेडीयू 15, चिराग की पार्टी LJP R 4+1 (राज्यसभा), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा एक, आरएलएमल एक सीट पर लड़ सकती है. वैसे चिराग पासवान लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन के मुद्दे पर अपने पत्ते खोल नहीं रहे हैं. अंदरखाने से खबर आ रही है कि एनडीए में उनकी बात आखिरी दौर में चल रही है. वो एनडीए में रहकर चुनाव लड़ सकते हैं.उधर मंत्रिमंडल विस्तार और बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर जमकर सियासत हो रही है. आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा है कि 15 मार्च को भी मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होगा. नीतीश कुमार लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ चाहते हैं, लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं है. बिहार में कामकाज ठप है. एक-एक मंत्री दो-दो विभाग लिए हुए हैं.आरजेडी विधायक मुकेश रोशन ने कहा है कि चिराग को महागठबंधन में आ जाना चाहिए. उनको उचित सम्मान मिलेगा. एनडीए में उनकी अनदेखी हो रही है. तेजस्वी और चिराग हाथ मिला लिए तो सभी 40 सीटों पर बिहार में महागठबंधन की जीत होगी. एनडीए का बिहार में सूपड़ा साफ लोकसभा चुनाव में हो जाएगा.वहीं बीजेपी कोटे के मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि बहुत जल्द मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा. इसमें कोई पेंच नहीं है. लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार एनडीए में सीटों का बंटवारा भी जल्द ही होने वाला है. बिहार एनडीए में कई दल हैं. सभी दलों में बातचीत चल रही है. सभी को उचित सम्मान सीट शेयरिंग में मिलेगा. चिराग एनडीए में ही रहकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.वहीं पूर्व मंत्री और विधायक जमा खान ने कहा कि मीडिया के माध्यम से हम लोगों को जानकारी मिल रही है कि 15 तारीख को मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. इसी के आसपास लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीट शेयरिंग भी तय हो सकता है. सीट शेयरिंग में सभी दलों को उचित सम्मान मिलेगा. चिराग भी एनडीए में रहकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।