विश्व हिंदू परिषद ने शुरू किया डोर टू डोर कैंपेन,वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए उठाया कदम
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दो चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। हालांकि, दोनों ही चरणों में कम वोटिंग प्रतिशत चर्चा का विषय है। अब आगामी पांच चरणों के लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान का प्रतिशत बढ़े इसके लिए विश्व हिंदू परिषद सामने आया है। वीएचपी ने डोर टू डोर संपर्क अभियान शुरू किया है ताकि लोग अपने मत का प्रयोग करें। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता महिलाओं एवं नए मतदाताओं से संपर्क करेगा और छोटे-छोटे समूह के साथ जनसंपर्क अभियान तेजी से चलाएगा ताकि आगामी चरणों में वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाया जा सके। विश्व हिंदू परिषद महाराष्ट्र और गोवा के महामंत्री गोविंद शेंडे ने बताया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान कम मतदान को लेकर विश्व हिंदू परिषद काफी चिंतित है। विश्व हिंदू परिषद सत प्रतिशत मतदान की कई समय से लोगों से अपील करता रहा है। छोटी-छोटी बैठकें लेकर मतदाताओं को मोटिवेट करने का काम भी विश्व हिंदू परिषद कर रहा है, लेकिन मतदान में प्रतिशत कम होता देख इस मुहिम को विश्व हिंदू परिषद तेज करने के संबंध में मंथन कर रहा है।विश्व हिंदू परिषद के महाराष्ट्र एवं गोवा के महामंत्री गोविंद शेंडे ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान केंद्रों तक पहुंचे इसके लिए मुहिम चलाई जा रही है। विश्व हिंदू परिषद के शुरू में ही कोशिश थी कि मतदान पूरे भारतवर्ष में 70% से ऊपर जाएं, इस उद्देश्य से सत प्रतिशत मतदान की मुहीम चलाई गई। जगह-जगह छोटी बैठक विश्व हिंदू परिषद एवं उसके सहयोगी संगठन कर रहे हैं। दो फेज में हुए मतदान को लेकर यह संगठन काफी चिंतित है, इनका कहना है कि लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए, वह किसको मत अपना दे रहे हैं वह उनका अधिकार है ,लेकिन लोग मताधिकार के लिए बाहर आए इसकी कोशिश विश्व हिंदू परिषद कर रही है।विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि दिन प्रतिदिन की राजनीतिक कार्यों में विश्व हिंदू परिषद हिस्सा नहीं लेती है, लेकिन चुनाव के समय यह प्रयत्न करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा मतदान हो। विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि वह सभी से संपर्क कर रहे हैं, छोटी बैठक ले रहे हैं। जब संपर्क करते हैं तो लोकतंत्र के चुनाव के प्रति लोग सकारात्मक दिखते हैं, लेकिन प्रत्यक्ष में कई जगह 70% भी मतदान नहीं किया है ,यह चिंता का विषय है। नागरिक को कोई संबंध में विचार करना चाहिए , जब हम अधिकार की बात करते हैं तो कर्तव्य की भी बात करनी चाहिए।