पहले भी प्रतिभा पलायन होता था अब वापस आ रहे हैं,बोले शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
पश्चिम बंगाल के दमदम के सांसद सौगत रॉय ने लोकसभा में विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रों के पलायन पर चिंता जताई. सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि देश में गुणवत्तापूर्ण संस्थानों की कमी नहीं है, चाहे वह आईआईटी हो, आईआईएम हो या एनआईटी. उन्होंने सत्य नडेला, सुंदर पिचाई, शांतनु नारायण और अजय बंगा जैसे अन्य लोगों का उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्व में प्रतिभा पलायन की अवधारणा थी, अब लोग वापस आ रहे हैं. जवाब पर असंतोष जताते हुए रॉय ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी के उनके देश आने पर हर बार ताली बजाने के लिए प्रवासी भारतीय इकट्ठा हो रहे हैं।रॉय ने आगे कहा कि 8.94 लाख छात्र विदेश गए. जवाब में प्रधान ने दोहराया कि प्रवासी भारतीय विज्ञान और नवाचार में प्रगति कर रहे हैं और इस तरह की टिप्पणियों से बचना चाहिए. इसी प्रस्ताव पर टिप्पणी करते हुए तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने कहा कि कुल आवेदकों में से केवल 0.08% ही आईआईटी में प्रवेश पा पाते हैं, इसलिए उन्होंने कहा कि यह ‘शिक्षा तक पहुंच की कमी’ का संकेत है. थरूर ने सुझाव दिया कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. थरूर ने टिप्पणी की कि दिग्गज उत्कृष्टता के द्वीपों से औसत दर्जे के महासागर में चले गए हैं।