पशुपति पारस को लगने वाला है बड़ा झटका,उनके पार्टी के ये बड़े नेता आज बीजेपी में होंगे शामिल
सुनील पांडेय आज (16 अगस्त) भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे. वे फिलहाल एलजेपी पारस गुट में थे लेकिन अब उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. आज शुक्रवार को पटना स्थित बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में वह पार्टी की सदस्यता लेंगे. अनुमान लगाया जा रहा है कि बीजेपी उन्हें तरारी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में उम्मीदवार बना सकती है।सवाल है कि पशुपति कुमार पारस के लिए यह झटका क्यों माना जा रहा है? तो जान लें कि सुनील पांडेय के दम पर ही आरएलजेपी ने एनडीए से तरारी सीट मांगी थी. अब सुनील पांडेय ने ही पशुपति पारस का साथ छोड़ दिया है. 2020 के विधानसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय मैदान में उतरे सुनील पांडेय दूसरे स्थान पर रहे थे. बीजेपी के प्रत्याशी कौशल विद्यार्थी बुरी तरह पराजित हो गए थे।भगवान महावीर पर पीएचडी कर चुके सुनील पांडेय का नाम बिहार के बाहुबली नेताओं में आता है. उन्होंने 34 साल की उम्र में पहली बार 2000 में फरार रहते ही पीरो से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर ली थी।
वे निवासी भले ही सीमावर्ती रोहतास जिले के थे पर राजनीति की शुरुआत के लिए उन्होंने भोजपुर के पीरो विधानसभा क्षेत्र को चुना।सुनील पांडेय वर्ष 2000 में समता पार्टी प्रत्याशी के रूप में 43160 मत पाकर पीरो विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने थे. फरवरी 2005 में पीरो विधानसभा क्षेत्र से 54767 मत पाकर सुनील पांडेय दूसरी बार विधायक बने थे. वर्ष 2005 के अक्टूबर माह में हुए उपचुनाव में पीरो विधानसभा क्षेत्र से 46338 मत पाकर सुनील पांडेय तीसरी बार विधायक बने थे. 2010 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू प्रत्याशी के रूप में तरारी विधानसभा क्षेत्र से 46338 मत पाकर सुनील पांडेय चौथी बार विधायक बने थे. 2015 के विधानसभा चुनाव में एलजेपी प्रत्याशी के रूप में सुनील पांडेय की पत्नी गीता पांडेय चुनाव मैदान में उतरीं और 43778 मत पाकर महज 272 मतों के अंतर से उनको हार का सामना करना पड़ा था।