35 साल बाद सड़क पर उतरने जा रही है बहुजन समाज पार्टी,भारत बंद के लिए मायावती की पार्टी ने दी समर्थन

 35 साल बाद सड़क पर उतरने जा रही है बहुजन समाज पार्टी,भारत बंद के लिए मायावती की पार्टी ने दी समर्थन
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सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को सब-कैटेगरी बनाने का अधिकार राज्यों को दे दिया है. साथ ही एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने का भी जोर दिया है. सर्वोच्च अदालत के इस फैसले को लेकर दलित संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान कर रखा है, जिसे बसपा प्रमुख मायावती का भी समर्थन मिल गया है. बसपा के सभी कार्यकर्ता और नेता देशभर में भारत बंद आंदोलन में शामिल रहेंगे. बसपा के नेता और कार्यकर्ता करीब 35 साल के बाद सड़क पर उतरने जा रहे हैं, जिसे पार्टी की राजनीति का नया ट्रनिंग प्वाइंट माना जा रहा है।बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर और मायावती के सियासी उत्तराधिकारी आकाश आनंद ने ऐलान किया है कि 21 अगस्त के भारत बंद में बसपा के झंडे नजर आएगे. उन्होंने कहा कि आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एससी/एसटी समाज में काफी गुस्सा है. अदालत के फैसले के विरोध में हमारे समाज ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है।

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हमारा समाज शांतिप्रिय समाज है. हम सबका सहयोग करते हैं. सबके सुख-दुख में हमारा समाज शामिल होता है, लेकिन आज हमारी आजादी पर हमला किया जा रहा है. 21 अगस्त को इसका शांतिपूर्ण तरीके से करारा जवाब देना है।आकाश आनंद ने कहा कि बसपा के कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी आरक्षण के वर्गीकरण के फैसले का विरोध करेंगे. हमारी मांग है कि एससी-एसटी आरक्षण को संविधान की 9वीं सूची में डाली जाए. बसपा के कार्यकर्ता और नेता देशभर के अलग-अलग स्थानों पर भारत बंद में शिरकत करेंगे और अपनी-अपनी तहसीलों में एसडीएम को ज्ञापन देंगे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आरक्षण पर प्रश्न चिन्ह लग गया है. उसके बाद से ही हमारी नेता मायावती एससी/एसटी के आरक्षण के वर्गीकरण के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. 21 अगस्त को समाज के द्वारा हो रहे भारत बंद आंदोलन में हम सब साथ हैं और पार्टी के सभी कार्यकर्ता अनुशासन में रहकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देंगे।

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