नियुक्ति में आरक्षण के प्रावधानों को देखना ही होगा,प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोले चिराग पासवान
इन दिनों ‘लेटरल एंट्री’ पर बहस छिड़ी हुई थी. एनडीए की सहयोगी एलजेपीआर भी इससे सहमत नहीं थी. अब जब कि केंद्र सरकार ने इस पर अपने निर्णय को वापस ले लिया है तो केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने खुशी का इजहार किया और कहा कि मुझे प्रधानमंत्री पर पूरा भरोसा था और ये विश्वास और ज्यादा मजबूत हो गया. चिराग पासवान आज 20 अगस्त को पटना में एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान लेटेरल एंट्री पर अपनी बात रख रहे थे, जहां उनहोंने कहा कि उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर बात की थी. इसमें विचार करने की जरूरत है।केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने लेटरल योजना पर कहा कि मैं सरकार का अंग हूं कई ऐसी बातें हैं जो सार्वजनिक तौर पर रखने में मैं समर्थ नहीं हूं. सरकार का अंग होने के नाते सरकार का संरक्षण करने की बड़ी जिम्मेदारी भी मेरे कंधों पर है. अगर कहीं ऐसे विषय है, जहां पर हर असहमति होती है पर असहमति को दर्ज करने के लिए भी सरकार के भीतर मुझे एक मंच मुहैया कराया गया है, जहां पर अक्सर ऐसे विषयों को प्रमुखता से रखने का काम करता हूं।
चिराग ने कहा कि मैं एक बात स्पष्ट कर दूं. मैं और मेरी पार्टी पूरी तरीके से इस बात को लेकर समर्पित है कि केंद्र सरकार या किसी भी सरकार के जरिए कोई भी नियुक्ति निकलती है, उसमें आरक्षण के प्रावधानों को देखना ही होगा. कोई ऑप्शन नहीं है जैसा मैंने कहा कि एक सरकारी क्षेत्र ही है जहां पर इसके प्रावधानों को आप लागू कर सकते हैं अगर यहां पर भी लागू नहीं किया जाएगा तो यह बहुत बड़ी चिंता का विषय होगा. तो ऐसी कोई भी सरकारी नौकरी इसमें निकले उसमें इसको इंप्लीमेंट किया जाना चाहिए. नहीं किया जाता है तो मेरी आपत्ति रहेगी।