जाति के दलदल में आखिरकार फंस हीं गए प्रशांत किशोर,तीन सीटों पर अभी तक नहीं मिले उम्मीदवार!

 जाति के दलदल में आखिरकार फंस हीं गए प्रशांत किशोर,तीन सीटों पर अभी तक नहीं मिले उम्मीदवार!
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जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर, एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधन को चुनौती देने के लिए मैदान में उतर चुके हैं. उपचुनाव में प्रशांत किशोर की अग्नि परीक्षा है. जाति की राजनीति को दरकिनार करने का दावा करने वाले प्रशांत किशोर ने जातिगत आधार पर उम्मीदवार को मैदान में उतरना शुरू किया है।दल बनाने के 1 महीने के अंदर ही चुनाव के मैदान में कूद पड़े हैं. प्रशांत किशोर ने तरारी विधानसभा सीट पर उम्मीदवार उतार दिए हैं. अवकाश प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है. जमात की राजनीति करने का दावा करने वाले प्रशांत किशोर ने भी जाति की राजनीति का रास्ता चुना है. तरारी विधानसभा सीट पर एनडीए और इंडिया गठबंधन को चुनौती देने के लिए राजपूत जाति पर दांव लगाया है।

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प्रशांत किशोर उपचुनाव में मजबूत उपस्थिति दर्ज करना चाहते हैं. प्रशांत किशोर एक साथ भाजपा, जनता दल युनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, वाम दल और हम पार्टी को चुनौती देने के लिए तैयार हैं. नामांकन की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है, लेकिन अब तक चारों सीटों पर प्रशांत किशोर को उम्मीदवार नहीं मिले हैं।रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र राजपूत बहुल माना जाता है. राष्ट्रीय जनता दल और भाजपा की ओर से राजपूत उम्मीदवार मैदान में उतरने की तैयारी है. इसे देखते हुए प्रशांत किशोर ने कुशवाहा जाति को मैदान में उतरने की तैयारी की है. आपको बता दें कि रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पहले स्थान पर राजपूत 60000 के आसपास है, दूसरे स्थान पर यादव जिनकी संख्या 45000 के आसपास है, तीसरे स्थान पर कुशवाहा वोटर हैं जिनकी संख्या 40000 के आसपास है।

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