वायु प्रदूषण के चपेट में आया यूपी के अधिकांश शहर,लोगों का सांस अच्छे से सांस लेने में आने लगी मुश्किलें!

 वायु प्रदूषण के चपेट में आया यूपी के अधिकांश शहर,लोगों का सांस अच्छे से सांस लेने में आने लगी मुश्किलें!
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जनसंख्या के लिहाज से देश का सबसे बड़े राज्य यूपी के अधिकांश शहर वायु प्रदूषण की चपेट में हैं। हालांकि, इनमें से कई शहरों में बीते पांच साल में बेहतर प्रयासों के चलते प्रदूषण की स्थिति में काफी सुधार भी आया है।नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और गोरखपुर एम्स के संयुक्त अध्ययन झांसी और बरेली में हवा साफ है, जबकि गोरखपुर में प्रदूषण का स्तर सर्वाधिक 200 पार है। पश्चिमी यूपी के शहरों में प्रदूषण की स्थिति ज्यादा खराब है। इनमें गाजियाबाद, नोएडा, गजरौला, खुर्जा और मुरादाबाद जैसे शहर शामिल हैं। शोधकर्ताओं ने साल 2017 से 2023 के बीच उप्र के 15 शहरों में वायु गुणवत्ता के स्तर की समीक्षा की है।

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इस अध्ययन में अमेरिका के ग्लोबल हेल्थ एडवोकेसी इनक्यूबेटर (जीएचएआई) के शोधकर्ताओं ने भी सहयोग दिया है।द लैंसेट रीजनल हेल्थ साउथ ईस्ट एशिया मेडिकल जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश गंभीर प्रदूषण स्तर का सामना कर रहा है, जिसके लिए तत्काल कार्रवाई जरूरी है। बता दें कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत देश में प्रदूषण से जूझ रहे राज्यों के लिए साल 2026 तक इसमें 40 फीसदी की कमी लाने का लक्ष्य रखा है। यूपी में इसकी स्थिति जानने के लिए 15 शहरों पर यह अध्ययन किया गया था।अध्ययन के अनुसार, साल 2023 में झांसी में सबसे कम वायु गुणवत्ता सूचकांक(एक्यूआई) का स्तर (72.73) रहा जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों के लिहाज से मध्यम श्रेणी में है। गोरखपुर में एक्यूआई का स्तर लगातार खराब दिखा। यहां 2019 में एक्यूआई 249.31 तक पहुंचा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, नोएडा और मुरादाबाद जैसे शहरों में भी प्रदूषण का काफी बोझ मिला है।

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