असदुद्दीन ओवैसी और देवेंद्र फडणवीस हुए आमने-सामने,अब इस मामले में हुई ED की एंट्री

 असदुद्दीन ओवैसी और देवेंद्र फडणवीस हुए आमने-सामने,अब इस मामले में हुई ED की एंट्री
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महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारे में सबसे ज्यादा चर्चित ‘वोट जिहाद’ घोटाला केस में अब ED की भी इंट्री हो गई है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मामले में 23 से ज्यादा लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन की कार्रवाई को अंजाम दिया जहां मालेगांव के एक व्यापारी पर कथित तौर पर कई बैंक खाते खोलने के लिए फर्जी दस्तावेज और फर्जी KYC का इस्तेमाल करने का आरोप है। माना जा रहा है कि इन खातों से 100 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ है औ इसे बीजेपी ‘वोट जिहाद’ घोटाला करार दे रही है।‘महाराष्ट्र में कथित वोट जिहाद को लेकर नेताओं में जुबानी जंग भी तेज हो गई है। AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी जहां डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साध रहे हैं, तो देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि ‘वोट जिहाद’ का जवाब अब ‘धर्मयुद्ध’ से दिया जाएगा। ओवैसी और फडणवीस की जुबानी जंग के बीच सूबे के दूसरे मुद्दे दब से गए हैं। आइए, जानते हैं कि ‘वोट जिहाद’ को लेकर बयानबाजी क्यों शुरू हुई और इसमें ED की एंट्री कहां से हो गई।‘वोट जिहाद’ को लेकर एक तरफ जहां सियासी दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ ED भी फुल एक्शन में नजर आ रही है। केंद्रीय एजेंसी ने मालेगांव के एक व्यापारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत कार्रवाई करते हुए छापे मारे हैं। ये छापे चुनावी राज्य महाराष्ट्र और पड़ोसी राज्य गुजरात में 23 जगहों पर मारे गए हैं। आरोप है कि व्यापारी ने कथित तौर पर कई बैंक खाते खोलने के लिए फर्जी दस्तावेजों और फर्जी केवाईसी का इस्तेमाल किया जिससे 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन हुआ। मनी लॉन्ड्रिंग के इस केस में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनपर गरीबों को करोड़ों रुपये देकर वोट खरीदने का आरोप है। बीजेपी इस मामले को ‘वोट जिहाद’ घोटाला करार दे रही है। ये मामला तब सामने आया जब बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने दावा किया कि हवाला कारोबारियों के जरिए मालेगांव के एक बैंक से लगभग 125 करोड़ रुपये भेजे गए और फिर इस पैसे को कई खातों में भेज दिया गया। कथित तौर पर इस पैसे का मकसद चुनाव से पहले मतदाताओं को प्रभावित करना था।

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महाराष्ट्र में कई मुस्लिम बोर्ड ऑफिशियली इस बात का ऐलान कर रहे हैं कि वे किस पार्टी के साथ हैं। इस क्रम में ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड भी महाविकास अघाड़ी को समर्थन देने की बात कह चुका है जो खुद को मुस्लिमों का हितैषी बताता है। हालांकि इसे लेकर NCP अजित पवार गुट के महाराष्ट उपाध्यक्ष सलीम सारंग ने बड़ा खुलासा किया। सारंग ने ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि ये बोर्ड फिलहाल अस्तितव में ही नहीं है जो चुनावों में मुसलमालों से MVA को वोट देने की अपील कर रहा है।‘बता दें कि ‘वोट जिहाद’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारों से महाराष्ट्र का सियासी पारा हाई है। वहीं, एक तरफ फडणवीस और ओवैसी एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी ने MVA पर भी निशाना साधना जारी रखा है। महाराष्ट्र की सियासत में फिलहाल गर्मी ले आए इन मुद्दों का फायदा सत्ताधारी पक्ष को मिलता है या विपक्ष को, ये अब 23 नवंबर को ही साफ हो पाएगा।

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