कर्नाटक चुनाव: बेरोजगारी भत्ता-आरक्षण और भ्रष्टाचार समेत कर्नाटक के 5 मुद्दे जो तय करेंगे कौन मारेगा बाजी
कर्नाटक चुनाव में एक माह से भी कम का समय है. राजनीतिक पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी है. विपक्ष नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दररमैया ने तो 100 फीसदी कांग्रेस की जीत का दावा भी कर दिया है. हर पार्टी ने अपनी अलग रणनीति बनाई है, लेकिन स्थानीय स्तर पर कई ऐसे मुद्दे हैं जो इस बार तय करेंगे कि जीत का सेहरा किसके सिर सजेगा. भाजपा के मुकाबले कांग्रेस ने कई बड़ी घोषणाएं की हैं, वहीं भाजपा मोदी मैजिक के सहारे नैया पार कराने में जुटी है.वही इधर बीजेपी कर्नाटक में अभी भी भाजपा ने अपना सीएम कैंडिडेट घोषित नहीं किया है. पार्टी चुनाव जीतने के लिए पीएम मोदी की ही लोकप्रियता पर निर्भर है. पीएम की रैलियों के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं. अब इन्हें खासकर उन क्षेत्रों में किया जाएगा, जहां पीएम अब तक पहुंच नहीं पाए हैं. इसके अलावा बीएस येदियुरप्पा और योगी आदित्यनाथ कई रैलियां करेंगे. पीएम की लोकप्रियता से भाजपा को काफी हद तक फायदा हो सकता है.वही आपको बतातें चले कि कर्नाटक भाजपा नेताओं को लेकर कांग्रेस ने जोरशोर से करप्शन का मुद्दा उठाया है. कांग्रेस का मानना है कि मतदाताओं को भाजपा से दूर करने की जगह भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पार्टी को घेरा ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है. यही वजह है कि कांग्रेस ने ’40 फीसदी पे-सिएम करप्शन’ अभियान की शुरुआत की. कई स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्थानीय लोग भी मानते हैं कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार हुआ है.