अगर हिंदू भाइयों को एतराज है तो न लगाएं कुंभ में दुकानें,महाकुंभ को लेकर मौलाना ने कह डाली बड़ी बात!
उत्तर प्रदेश के संभल में मिला मंदिर और कुएं से निकली मूर्तियों को लेकर मुरादाबाद के मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना इंतेसाब कादरी ने बयान दिया है. उनका कहना है कि जो मंदिर मिला है उसका अच्छे से रखरखाव किया जाना चाहिए. उन्होंने कुओं में निकली मूर्तियों को लेकर कहा कि मूर्तियां खंडित होने पर उन्हें कुओं में डाल देते थे. मौलाना इंतेसाब कादरी ने कहा कि किसी भी विवादित जमीन पर मस्जिद नहीं बना सकते. अगर वहां मस्जिद बन भी गई तो उसपर नमाज नहीं मानी जाएगी यह इस्लामी शरीयत है.संभल में कुएं के अंदर मूर्ति मिलने पर मौलाना इंतेसाब कादरी ने कहा कि मुस्लिम धर्म में जैसे कुरान शरीफ है, जब वह किताब पुरानी हो जाती है या बोसीदा (फटा-गला) हो जाती है तो हम उसको ना फेकते हैं और ना हम उसको जलाते हैं. हम उसको या तो दरिया में बहा देते हैं या फिर पहले कुआं हुआ करते थे उसमें डाल दिया करते थे.
यह हमारे यहां का कानून है. इसी तरीके से हमने सुना है अगर हिंदू भाइयों के यहां मूर्ति पुरानी हो गई और खंडित हो गई वह जाहिर सी बातें फेंकने की चीज नहीं है तो वह भी उसको दरिया में या कुएं में डाल दिया करते हैं.मौलाना इंतेसाब कादरी ने कहा कि कोई भी मस्जिद पर यह साबित हो जाए कि वह विवादित है, या उसे जबरदस्ती कब्जा करके बनाया गया है तो फिर मुस्लिम धर्म गुरुओं को यह चाहिए कि वह खुद खड़े होकर उस मस्जिद को तुड़वा दें. उन्होंने बताया कि नबी के जमाने में भी एक मस्जिद ऐसी थी जो विवादित थी. पैगंबर मोहम्मद साहब ने हुक्म देकर उस मस्जिद को तुड़वा दिया था.मौलाना ने कहा कि संभल में जो मंदिर खोला गया है. मैं तो यह कहूंगा देर से खोला गया है. उसे अच्छी तरह से सजाया संवारा जाए. उन्होंने कहा कि मुस्लिम शरिया के हिसाब से मेरे पास अगर कोई जमीन है. अगर आप उस जमीन पर जबरदस्ती मस्जिद बनाना चाहें तो यह जायज नहीं होगा.अगर आपने जबरदस्ती मस्जिद बना भी ली तो आपकी नमाज कबूल नहीं होगी. हमारे यहां इतना सख्त कानून है कि किसी की जमीन पर कोई भी कब्जा नहीं कर सकता. यह कानून 1450 साल पहले का बना हुआ है. आज से पहले जो मुसलमान थे, वह हमसे भी ज्यादा पक्के थे तो वह कभी भी किसी की जमीन पर मस्जिद नहीं बना सकते.उन्होंने कुंभ मेले में मुस्लिमों की दुकानें न लगने पर कहा कि अगर उनके यहां इस बात का कानून है कि वह अन्य धर्म के व्यक्ति को शामिल नहीं कर सकते तो उन्हें इस कानून का पालन करना चाहिए. मुसलमान को यह बात चाहिए कि वह उनके इस कानून का सम्मान करें. क्या दुनिया में और कोई जगह नहीं है जहां से आप अपना व्यापार कर सकते हैं. मुस्लिम धर्मगुरु के द्वारा कहा गया मैं तो यह चाहता हूं हर उसे चीज से बचा जाए जहां से नफरत और झगड़ा फैले.