बांग्लादेश में PM युनुस के खिलाफ विरोध हुआ तेज,भारत से टक्कर लेने के बाद अपने हीं जाल में फंस गए मोहम्मद साहेब

 बांग्लादेश में PM युनुस के खिलाफ विरोध हुआ तेज,भारत से टक्कर लेने के बाद अपने हीं जाल में फंस गए मोहम्मद साहेब
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बांग्लादेश में हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं. प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार का नेतृत्व संभाला था. उन्होंने देश में सुधार लाने और इसे स्थिरता की राह पर लाने का वादा किया था. हालांकि, उनके नेतृत्व में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं के खिलाफ अत्याचारों में कमी नहीं आई है. अब, देश के भीतर से ही उनके इस्तीफे की मांग उठ रही है. यह मांग बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के एक वरिष्ठ नेता ने उठाई है, जो अंतरिम सरकार की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर रहे हैं. एक तरफ जहां मोहम्मद यूनुस भारत से पंगा लेने के फिराक में थे. आज आलम ये है कि वहां के नेता ही उनकी नीतियों से खुश नजर नहीं आ रहे हैं.

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BNP के महासचिव फखरुल इस्लाम ने मोहम्मद यूनुस की अध्यक्षता वाली अंतरिम सरकार की निष्पक्षता पर सीधा सवाल उठाया है. उनका कहना है कि सरकार से यह अपेक्षा की जाती है कि वह निष्पक्ष होकर कार्य करे और देश को सही दिशा में ले जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार निष्पक्षता बनाए रखने में नाकाम रही है, जिससे देश में अस्थिरता बढ़ी है. फखरुल इस्लाम ने इशारों-इशारों में कहा कि अगर अंतरिम सरकार निष्पक्ष नहीं रह सकती तो चुनाव के समय एक तटस्थ सरकार की जरूरत होगी बांग्लादेश में चुनाव की मांगBNP के महासचिव ने मोहम्मद यूनुस की नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से जल्द से जल्द सुधार प्रक्रिया को पूरा करने और बांग्लादेश में चुनाव कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि चुनाव के मदद से बनी सरकार ही देश की जनता से किए गए वादों को पूरा कर सकती है और देश को स्थिरता की ओर ले जा सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव में देरी से अन्य ताकतें इस स्थिति का फायदा उठा सकती हैं, जिससे स्थिति और खराब हो सकती है.फखरुल इस्लाम ने यह सवाल उठाया कि क्या सुधार प्रक्रिया पूरी होने तक 4-5 साल का इंतजार करना सही होगा? उनका कहना है कि अगर चुनाव में देरी की गई, तो जनता एक बार फिर लंबे समय तक अपने मतदान के अधिकार से वंचित हो सकती है. बता दें कि शेख हसीना को सत्ता से हटाने के बाद से ही बांग्लादेश में अस्थिरता का माहौल बना हुआ है. अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं. उनकी संपत्ति लूट ली जा रही है और वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इस बीच, पाकिस्तान भी बांग्लादेश में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिशों में जुटा है, जिससे देश में तनाव और बढ़ गया है.निष्पक्ष चुनाव ही एकमात्र उपायबांग्लादेश में मौजूदा राजनीतिक संकट और अस्थिरता के बीच, निष्पक्ष चुनाव ही एकमात्र उपाय प्रतीत हो रहा है जो देश को स्थिरता और विकास की ओर ले जा सकता है. राजनीतिक दलों को एकजुट होकर काम करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि चुनाव समय पर और निष्पक्ष तरीके से हों. इससे बांग्लादेश की जनता को उनके लोकतांत्रिक अधिकार वापस मिल सकेंगे और देश को एक स्थिर भविष्य की ओर ले जाया जा सकेगा.

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