आनंद मोहन बने बलि के बकरा,सरकार की असली मंशा 27 गुंडाराज वाले लोगों को रिहा करना-बीजेपी का सीएम पर तंज
पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन आज सुबह सहरसा की जेल से रिहा हो गई। लेकिन उनकी रिहाई पर बिहार की सियासत में उबाल आ गया है। बिहार बीजेपी ने एक बार फिर से नीतीश सरकार को घेरा है। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने नीतीश सरकार को घेरते हुए कहा कि आनंद मोहन तो सिर्फ बलि के बकरे बने हैं। नीतीश सरकार का असली मकसद तो गुंडाराज का माहौल बनाने वाले 27 लोगों को रिहा कराना था। आनंद मोहन की आड़ में कारा नियमों को बदलते हुए उन 27 लोगों को भी रिहा कराया गया जो बिहार में जंगलराज से गुंडाराज लाने का काम करेंगे। लेकिन बिहार की जनता सब देख रही है। नीतीश सरकार गैर संवैधानिक काम कर रही है। अपराधियों को पकड़ना और छोड़ना तो न्यायालय का काम है।वही दूसरी तरफ बता दें कि गैंगस्टर से राजनेता बने आनंद मोहन को आज तड़के सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया। उनकी रिहाई का चौतरफा विरोध हो रही है। गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया के परिवार सहित आईएएस एसोसिएशन ने बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। दलित डीएम की बेटी पद्मा ने इसे गलत निर्णय करार दिया है। आपको बता दें कि 1994 में ऑन ड्यूटी डीएम जी कृष्णैया की हत्या कर दी गई थी। आनंद मोहन सिंह को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि, डीएम के परिजनों ने फांसी की मांग की थी। बिहार सरकार ने कानून में संसोधन करते हुए उनकी रिहाई का रास्ता आसान कर दिया।वही बता दें कि सीएम नीतीश के इस फैसले से दलित डीएम की बेटी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बिहार सरकार आनंद मोहन को रिहा कर गलत किया है।इसके साथ ही उन्होंने नीतीश सरकार से इस फैसले पर पुनः विचार करने की अपील की है।वही इधर डीएम की पत्नी ने भी इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए केंद्र सरकार को हस्तक्षेप कर सीएम नीतीश कुमार से बातचीत कर पुनः विचार करने की अपील की है।