पुरानी संसद अभी 100 साल और टिकती,नई की जरूरत नहीं थी: संजय राउत का पीएम मोदी पर हमला
संजय राउत ने कहा है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट कोरोना काल में सरकारी तिजोरी पर भार डालने जैसा है. दिल्ली में चीजे गांधी परिवार द्वारा शुरू की गई नामों की फेहरिस्त में हैं. उस नाम को दबाने की कोशिश है. पुरानी इमारत ऐतिहासिक है और अभी 100 साल टिकेगी. नए इमारत की जरूरत नहीं थी. राष्ट्रपति को भी पीछे हटाकर ये काम किया जा रहा है उसका हमारा विरोध है. कांग्रेस सहित सभी विरोधी पक्ष इसका बहिष्कार कर रहे हैं. वही बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. राहुल गांधी के बाद अब संजय राउत ने इस मुद्दे पर बीजेपी की केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए इस पर अपना विरोध दर्शाया है. ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने आज मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति को दरकिनार करते हुए नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों किया जा रहा है. इसका हम विरोध करते हैं. यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि सबकुछ मैं ही मैं हूं, दूसरा कोई नहीं.संजय राउत ने कहा कि, ‘देश के लोकतंत्र की दृष्टि से यह बेहद ही गंभीर मुद्दा है. राहुल गांधी के सवालों से मैं सहमत हूं. सेंट्रल विस्टा की कतई जरूरत नहीं थी. हमारी संसद से ज्यादा पुरानी इमारत इटली और अन्य देशों की है. राजनीतिक हवस को पूरा करने के लिए और यह दिखाने के लिए कि देखो, मैं इतिहास गढ़ रहा हूं, मैं दिल्ली का नव निर्माण कर रहा हूं, जनता के पैसों की बर्बादी करके इसे गढ़ा गया है. अब राष्ट्रपति को नजरअंदाज कर इसका उद्घाटन किया जा रहा है. यह सर्वोच्च पद का अपमान है. वही दुसरी तरफ बता दें कि इधर पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के बायकॉट के ऐलान के बाद अब खबर सामने आ रही है कि कांग्रेस भी 28 मई को आयोजित होने वाली नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से किनारा कर सकती है. सूत्रों के हवाले से खबर सामने आ रही है कि पार्टी के नेता अंदर खाने इस पर चर्चा कर रहे हैं और जल्द ही इस पर कोई आखिरी फैसला लिया जा सकता है. हालांकि पार्टी की ओर से फिलहाल कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं दी गई है.कांग्रेस नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के कार्यक्रम को बायकॉट कर सकती है. अगर ऐसा हुआ तो उद्घाटन समारोह में कोई भी कांग्रेस नेता दिखाई नहीं देगा. विपक्षी पार्टी के कई नेता उद्घाटन की घोषणा के बाद से ही केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बना रहे हैं. वही दूसरी ओर बता दें कि इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करेंगे. संसद के नए भवन का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को पीएम मोदी से भेंट की है. साथ ही उनसे इस भवन का लोकार्पण करने का आग्रह किया है।तथा राज्यसभा, दोनों सदनों ने 5 अगस्त 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था. इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था. वही आपको बताते चले कि संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है. चार मंजिला संसद भवन में 1224 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है.अब संसद का नवनिर्मित भवन भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों को और अधिक समृद्ध करने का कार्य करेगा. साथ ही अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस भवन में सदस्यों को अपने कार्यों को और बेहतर तरीके से करने में भी सहायता मिलेगी.