दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन अस्पताल में भर्ती,तिहाड़ जेल में बाथरूम में गिरे
दिल्ली सरकार में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल के बाथरूम में चक्कर आने की वजह से गिर गए, जिसके बाद उन्हें पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इससे पहले भी जैन बाथरूम में गिर गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था. मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में करीब एक साल से जेल में बंद सत्येंद्र जैन को बीते एक हफ्ते में दूसरी बार अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आम आदमी पार्टी के सूत्रों के अनुसार, जैन को पहले भी रीढ़ की हड्डी में चोटें आई थीं. उन्हें राजधानी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लाया गया है. हाल ही में उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था. जैन ने इस हलफनामे में बताया था कि जेल में रहने के दौरान उनका वजन 30 किलो कम हो गया है. वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर आज दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए अध्यादेश के खिलाफ सीएम अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों का समर्थन मांग रहे हैं. इस कड़ी में सीएम केजरीवाल ने पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से समर्थन मांगा है ऐसी में बिहार के मुख्य्मंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार द्वारा लाया गया अध्यदश को गलत बताते हुए समर्थन देने का ऐलान किया है।केजरीवाल विपक्षी पार्टियों के सहयोग से इस अध्यादेश को राज्यसभा में पारित होने से रोकना चाहते हैं. इसके लिए वे विपक्षी नेताओं से उनके घर जाकर मुलाकात कर रहे हैं. सोमवार को दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंगलवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात करने के बाद बुधवार को केजरीवाल मुंबई पहुंचे, यहां उन्होंने मातोश्री पहुंचकर शिवसेना के प्रमुख और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की और अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगा. इसी कड़ी में आज केजरीवाल एनसीपी प्रमुख शरद पवार से उनके मुंबई में स्थित आवास पर मुलाकात करेंगे।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कल यानी बुधवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने हमसे वादा किया है कि वे संसद में हमारा समर्थन करेंगे और अगर यह विधेयक संसद में पारित नहीं होता है तो 2024 में मोदी सरकार सत्ता में वापस नहीं आएगी. वहीं, उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम सब देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हैं. मुझे लगता है कि हमें ‘विपक्षी’ दल नहीं कहा जाना चाहिए, बल्कि केंद्र को ‘विपक्षी’ कहा जाना चाहिए क्योंकि वे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ हैं.