नई संसद में पीएम मोदी का पहला भाषण,बोले-सेंगोल कर्तव्य,सेवा और राष्ट्रपथ का प्रतीक
वैदिक परंपराओं के साथ आज नए संसद भवन का उद्घाटन हो गया है. पीएम मोदी के साथ लोकसभा स्पीकर सभी कार्यक्रम में शामिल रहे. सेंगोल को लोकसभा स्पीकर के आसन के बगल में स्थापित भी कर दिया गया. इसके बाद लोकसभा के उपाध्यक्ष और इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का भाषण हुआ. इनके बाद पीएम मोदी स्पीच देने आए. पीएम मोदी ने कहा कि आज की तारीख सिर्फ तारीख नहीं है. इतिहास के पन्ने में आज की ये तारीख दर्ज हो गई है.पीएम ने अपने संसद के नए भाषण में कहा है कि नए रास्तों पर चलकर ही नए कीर्तिमान गढ़े जाते है. नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है. नया जोश है, नया उमंग है, नया सफर है. नई सोच है, दिशा नई है, दृष्टि नई है. संकल्प नया है, विश्वास नया है. उन्होंने कहा कि ये भवन सिर्फ भवन नहीं है. ये भारत के लोकतंत्र का प्रतीक है. ये नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा. ये नया भवन विकसित भारत के संकल्पो की सिद्धि होते हुए देखेगा. ये नेता भवन नूतन और पुरातन सह आदर्शों का साक्षी है.पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरा विश्व भारत के संकल्प की दृढ़ता को आदर और उम्मीद के भाव से देख रहा है. जब भारत आगे बढ़ता है तो विश्व आगे बढ़ता है. संसद का नया भवन भारत के विकास से विश्व के विकास का भी उद्घोष करेगा. आज इस ऐतिहासिक अवसर पर कुछ देर पहले संसद की नई इमारत पवित्र सेंगोल की स्थापना हुई है. महान चोल साम्राज्य में कर्तव्य, सेवा और राष्ट्रपथ का प्रतीक माना जाता था.