कल विपक्ष की बैठक से वॉकआउट कर सकती है AAP,अध्यादेश पर फंसा मसला
कल पटना में होने वाली विपक्ष की बैठक में अगर कांग्रेस ने राज्यसभा में दिल्ली पर केंद्र के लाए अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी का समर्थन करने का ऐलान नहीं किया तो आप मीटिंग से वॉकआउट कर सकती है. वही दुसरी तरफ बता दें कि इधर बिहार के सीएम नीतीश कुमार के अथक प्रयास के बाद 23 जून को बीजेपी विरोधी दल एक साथ बैठने के लिए तैयार हुए हैं. पटना में शुक्रवार को 17 से 18 पार्टियां एक साथ केंद्र की सत्ता से नीतीश कुमार को बेदखल करने के लिए बैठेगी. इन सभी पार्टियों की राजनीतिक विचारधार अलग है. इनके एजेंडे अलग हैं. अपने-अपने क्षेत्र में राजनीति करने का इनका तरीका अलग है.बैठक में शामिल होन वाले कई दल तो ऐसे हैं जो राज्यों में एक दूसरे के प्रतिद्वंदी हैं. इसके बाद भी ये सभी एक साथ बैठने के लिए तैयार हुए हैं तो यह नीतीश कुमार की लगातार कोशिश का ही नतीजा है. वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर बिहार की राजधानी पटना में 23 जून यानि कल wiका जमघट लगेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में विपक्षी दलों के नेता बैठक करेंगे, जिसमें 2024 में बीजेपी को कैसे घेरें, इस पर चर्चा होगी. इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव सहित करीब 18 विपक्षी दलों के नेता शिरकत करेंगे. वही बता दें कि वहीं बैठक को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री व आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह एक महान कदम है. जब से बिहार में नीतीश कुमार और हम एक साथ आए हैं, हमने यथासंभव अधिक से अधिक विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कोशिश की है. तेजस्वी यादव ने कहा कि विपक्ष में बहुत सारे नेता हैं, जो हम लोगों से कहीं अधिक अनुभवी हैं. इस बैठक में वह लोग अपनी राय रखेंगे, जिस पर विचार-विमर्श होगा. वही दुसरी ओर बता दें कि इधर 2024 के लोकसभा चुनाव से लगभग 9-10 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के विरोधी विपक्षी दलों का दो दिन बाद पटना में पहला जमावड़ा लगने वाला है। विपक्षी एकता की पहली बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री और नेता नीतीश कुमार कर रहे हैं। नीतीश कई महीनों से अलग-अलग दलों के नेताओं से मिल रहे हैं और सबको भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की अपील कर रहे हैं। 2024 के चुनाव से पहले इस विपक्षी एकजुटता का राजनीतिक मकसद भाजपा के खिलाफ पूरे देश को एक मजबूत विकल्प देना है।ज्यों-ज्यों बैठक की तारीख नजदीक आ रही है। त्यों-त्यों बीजेपी का नीतीश और बैठक में शामिल होने आ रहे नेताओं पर हमला तेज होता जा रहा है। हर रोज दिल्ली से पटना तक बिहार बीजेपी के नेता इस बैठक को लेकर कभी नीतीश तो कभी सहभागी दलों पर निशाना साध रहे हैं। नीतीश की सरकार में लंबे समय डिप्टी सीएम रहे बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने ताजा हमला में कहा है कि नीतीश ने सीएम आवास पर बारात तो बुला लिया है लेकिन दूल्हे का पता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि जब देश की जनता दूल्हे का नाम जानना चाहती है तब विपक्ष बैंड, बाजा, बारात की बातों में लोगों को उलझाए रखना चाहता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष बताए कि वह राहुल गांधी, शरद पवार और ममता बनर्जी में से किसे पीएम बनाने के लिए एकजुट होना चाहता है।