आखिर पीएम मोदी को 5 दिनों का क्यों बुलाना पड़ा है संसद का विशेष सत्र?जानिए सबसे बड़ी वजह
चुनावी साल में मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की है. 5 दिन के इस विशेष सत्र में क्या होगा, यह सवाल चर्चा में बना हुआ है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने पत्रकारों से कहा कि सदन में क्या होगा, यह नेता प्रतिपक्ष को भी नहीं मालूम है.मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल में यह दूसरा मौका है, जब संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है. इससे पहले 1 जुलाई 2017 को एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था, जिसमें ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर विधेयक पारित कराया गया था. आजादी के बाद से लेकर अब तक संसद में कुल 6 बार विशेष सत्र का आयोजन किया गया है. साल 1997 में सबसे ज्यादा 6 दिनों के लिए विशेष सत्र बुलाया गया था. यह सत्र आजादी के 50 साल पूरे होने पर बुलाया गया था.जानकारों का कहना है कि स्थिर सरकार में अब तक जितने भी विशेष सत्र बुलाए गए हैं, उसमें बड़ा फैसला ही हुआ है. इस बार भी कुछ विशेष और बड़ा हो सकता है।
इसको लेकर सियासी गलियारों में अलग-अलग तरह की अटकलें लग रही है.विशेष सत्र में मणिपुर को लेकर बड़ा फैसला होने की चर्चा है. कहा जा रहा है मणिपुर से हिंसा की खबरें भले अभी नहीं आ रही है, लेकिन अंदरुनी हालात अब भी ठीक नहीं हैं. कुकी और नगा जातियों का कहना है कि वो मैतई शासन में अब नहीं रहना चाहते हैं.कुकी जनजातियों ने सरकार से अलग कुकीलैंड बनाने की मांग की है. कुकी समुदायों का कहना है कि स्थाई शांति तभी बहाल होगी, जब कुकीलैंड बनाया जाएगा. समुदाय के लोगों का तर्क है कि मणिपुर की सत्ता में मैतई का दबदबा है, जिससे स्थिति आगे बिगड़ सकती है.मणिपुर के मसले पर ही पिछला मानसून सत्र पूरी तरह धुल गया. विपक्ष विधानसभा के चुनाव में भी इसे मुद्दा बना रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार मणिपुर को लेकर विशेष सत्र में कोई बड़ा फैसला कर सकती है.सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद-370 हटाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है. हाल ही में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा कब दे रहे हो और चुनाव कब करवा रहे हो?सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा- अभी यह नहीं बता सकते कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा कब मिलेगा. इसमें कुछ समय लग सकता है. मेहता ने आगे कहा कि कश्मीर में चुनाव भी प्रस्तावित है, लेकिन पहले पंचायत के चुनाव कराए जाएंगे।