दिल्ली के बाद अब भाजपा की बिहार पर है नजर,अपना सीएम बनाने के लिए तैयार हो रही है रणनीति!

दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल को चारों खाने चित करने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने बिहार को टारगेट किया है. बीजेपी की केंद्रीय इकाई के लिए भी बिहार प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कंधों पर बिहार फतह की जिम्मेदारी है. होली के बाद वह चुनाव अभियान की शुरुआत करने की तैयारी कर चुके हैं. उन्होंने गांधीनगर में कार्यक्रम के दौरान इसके संकेत भी दिए हैं।बड़ी संख्या में बिहार के लोग दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए पलायन करते हैं. इनकी संख्या लगभग 50 लाख के आसपास है. इस आबादी को साधने के लिए तमाम राजनीतिक दल एक्सरसाइज करते हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी की नजर भी इस वोट बैंक पर है.

उन्होंने तमाम बिहारी को चुनाव के दौरान अपने प्रदेश लौटने का अनुरोध भी किया है।बिहार की राजनीतिक जमीन सबसे उर्वर है और बिहार से ही मोदी को कई बार चुनौती मिली है. विपक्ष की एकता की मुहिम बिहार से शुरू हुई थी हालांकि नरेंद्र मोदी अमित शाह ने विपक्ष की मुहिम पर लोकसभा चुनाव से पहले ही पानी फेर दिया था।बिहार के जरिए भाजपा पूर्वोत्तर के किले को मजबूत करना चाहती है. केंद्र की सत्ता हासिल करने के लिए बिहार को हर हाल में भाजपा साधना चाहती है. बिहार में बगैर मजबूत उपस्थिति के केंद्र की सत्ता में स्थाई तो रहना टेढ़ी खीर है. भाजपा को यह संभावना दिख रही है कि इस बार वह महाराष्ट्र की तर्ज पर बिहार में भी अपना मुख्यमंत्री बन सकती है. अब तक बिहार में भाजपा ने अपना मुख्यमंत्री नहीं बनाया है. नीतीश कुमार के गिरते स्वास्थ्य को लेकर भाजपा नेता इस संभावना को भी देख रहे हैं।