सुशील मोदी के दुनिया से जाने के बाद लोगों में दौड़ी शोक की लहर,जानिए उनकी राजनीतिक सफर

 सुशील मोदी के दुनिया से जाने के बाद लोगों में दौड़ी शोक की लहर,जानिए उनकी राजनीतिक सफर
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बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी का बीते देर रात निधन हो गया है..दरअसल में वो कैंसर से पीड़ित थे।उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपने खराब रह रही स्वास्थ्य को लेकर बीते 3 अप्रैल को हीं इसकी जानकारी देते हुए कहा था की पिछले 6 माह से मैं कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं।अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है..लोकसभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊंगा।PM को सब कुछ बता दिया है..देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित करता हूं..कुछ दिन पहले सुशील मोदी व्हीलचेयर पर काफी कमजोर दिख रहे थे।फिर तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स लाया गया था..जिसके बाद 72 वर्षीय बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एम्स में हीं अपनी अंतिम सांस ली है..उनके निधन के बाद सियासी गलियारों में शोक की लहर छा गई है।पीएम मोदी,अमित शाह,नीतीश कुमार और लालू यादव समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने दुख जताया है..बताया जाता है कि सुशील कुमार मोदी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत पटना विश्वविद्यालय में एक छात्र कार्यकर्ता के रूप में शुरू की थी..पटना के साइंस कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन किया था..उनकी शुरुआती शिक्षा की बात की जाए तो पटना के सेंट माइकल स्कूल से उन्होंने पढ़ाई की थी..सुशील कुमार मोदी कुल तीन बार विधायक बने थे..पहली बार 1990,फिर 1995 और फिर 2000 में वे विधायक बने थे..2020 में पहली बार उन्हें भाजपा ने राज्यसभा सांसद बनाया था..हालांकि इसी साल कुछ दिन पहले उनका कार्यकाल समाप्त हुआ था..इसके बाद उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया गया था..दरअसल में सुशील कुमार मोदी की गिनती बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में होती है..वह बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे..सुशील मोदी तीन बार बिहार के डिप्टी सीएम भी रह चुके हैं..एक बार लोकसभा सांसद भी रहे हैं..बता दें कि वर्ष 1974 में जेपी आंदोलन के समय सुशील मोदी की अहम भूमिका रही थी..उन्होंने छात्र जीवन से ही सियासत में एंट्री की थी..1973 से 1977 के बीच वह पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महामंत्री थे.सुशील मोदी 1990 में हीं सक्रिय रूप राजनीति में शामिल हो गए थे..जिसके बाद उन्होंने कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और उसमें जीत भी हासिल की..सुशील कुमार मोदी अपने राजनीतक करियर में जेल भी गए हैं..जेपी आंदोलन और इमरजेंसी के दौरान उन्हें पांच बार गिरफ्तार किया गया था..1974 में छात्र आंदोलन के दौरान भी उन्हें एक बार गिरफ्तार किया गया था..इमरजेंसी के दौरान जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था तो वह 19 महीने तक लगातार जेल में रहे थे..वहीं इमरजेंसी के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का स्टेट सेक्रेटरी सुशील मोदी को नियुक्त कर दिया गया था..सुशील कुमार मोदी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कई अहम पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभाई है..सुशील कुमार मोदी को बिहार विभूति के नाम से जाने जाने वाले अनुग्रह नारायण सिन्हा के बाद सबसे अधिक समय तक डिप्टी सीएम रहने का सौभाग्य मिल चुका है..सुशील कुमार मोदी उन नेताओं में से हैं जिन्हे राज्यसभा, लोकसभा, बिहार विधान परिषद और बिहार विधान सभा के सदस्य रहने का गौरव प्राप्त है..दरअसल में सुशील मोदी का जन्म साल 1952 में बिहार की राजधानी पटना जिले में एक मारवाड़ी वैश्य परिवार में हुआ था..

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