CBI के एंट्री के बाद मणिपुर में फिर से बिगड़ी हालात,आज कूकी संगठनों ने किया बंद का ऐलान

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मणिपुर में जातीय हिंसा की आग छह महीने बाद भी नहीं थमी है. राज्य में एक बार फिर हिंसा की लहर है. दो स्टूडेंट्स के लापता होने और बाद में उनके शव मिलने के बाद से हालात खराब हैं. इस केस में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने ऐलान किया कि दो मणिपुरी युवकों के अपहरण और हत्या के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. माहौल खराब होने की वजह से उन्हें असम शिफ्ट कर दिया गया है।सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि आरोपियों को उनके अपराधों के लिए अधिकतम सजा मिले. गिरफ्तार किए गए चारों लोगों में मुख्य आरोपी की पत्नी भी शामिल है और उन्हें स्पेशल फ्लाइट से असम भेजा गया है।

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शुरुआत में मामले के संबंध में 11 और 9 साल की दो नाबालिग लड़कियों को हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. ये लड़कियां मुख्य आरोपी की बेटियां हैं. मारे गए दोनों युवक-युवती मैतेई समुदाय से थे।कूकी समुदाय के आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद चुराचांदपुर स्थित कई आदिवासी संगठनों ने गिरफ्तारी के विरोध में और चारों युवकों की रिहाई की मांग के लिए बंद की अपील की है. दो पीड़ितों, 20 वर्षीय युवक फिजाम हेमनजीत और 17 वर्षीय लड़की हिजाम लिनथोइनगांबी 6 जुलाई को लापता हो गए थे. 25 सितंबर को, उनके शवों की तस्वीरें सामने आईं, जिसके बाद स्टूडेंट्स के नेतृत्व में बड़े स्तर पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए।

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