हाईकोर्ट को ASI ने सौंपी रिपोर्ट,संभल की शाही जामा मस्जिद मामले में 4 मार्च को होगी अगली सुनवाई

संभल की शाही जामा मस्जिद की साफ सफाई की अनुमति हाईकोर्ट ने दी है. हालांकि रंगाई-पुताई नहीं की जाएगी. ASI ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मस्जिद की रंगाई-पुताई की जरूरत नहीं है. मुस्लिम पक्ष ने ASI रिपोर्ट पर आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा है. अब सुनवाई 4 मार्च को होगी।बता दें कि संभल की शाही जामा मस्जिद की रंगाई पुताई के लिए मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे लेकर 27 फरवरी को हाईकोर्ट ने ASI को उसी दिन सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने कमेटी गठित करते हुए एएसआई से शुक्रवार सुबह 10 बजे तक रिपोर्ट मांगी थी. जिसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की 3 सदस्यीय टीम शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए पहुंची थी.

न्यायाधीश रोहित रंजन अग्रवाल इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं. शुक्रवार 28 फरवरी को भारतीय पुरातत्व विभाग ने अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट अदालत में पेश की. जिसके बाद हाईकोर्ट ने ASI की सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर मस्जिद की रंगाई-पुताई से इनकार करते हुए कहा कि मस्जिद में नए सिरे से पेंटिंग कराई जाने की कोई जरूरत नहीं है. कोर्ट के आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है।इस मामले में शाही जामा मस्जिद के सचिव मसूद फारूखी ने बताया कि जो भी आदेश है, वो हमें देखने को नहीं मिला है. जब आदेश मिल जाएगा तो उसका पालन किया जाएगा. कहा कि ASI की रिपोर्ट अभी हमें देखने को नहीं मिली है. क्या रिपोर्ट है, आदेश देख कर ही बता सकते हैं. बता दें कि जामा मस्जिद कमेटी ने जिला प्रशासन एवं एएसआई से रमजान का महीना शुरू होने से पहले की अनुमति मांगी थी. इसके बाद बीती 25 फरवरी को जामा मस्जिद हाईकोर्ट चली गई थी।जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि ये पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया. इसे लेकर 19 नवंबर 2024 को संभल कोर्ट में याचिका दायर हुई. उसी दिन सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मस्जिद के अंदर सर्वे करने का आदेश दिया. कोर्ट ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया. उसी दिन शाम को चार बजे सर्वे के लिए टीम मस्जिद पहुंच गई. 2 घंटे सर्वे किया।