जम्मू-कश्मीर में दलित वोट बैंक के सहारे है बीजेपी,कांग्रेस भी सेंधमारी करने में जुटी
प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति जनजाति के वोटर अहम भूमिका में हैं। जिन पर तमाम राजनीतिक दलों की नजर है। खासकर आरक्षित हो चुकी 7 सीटों पर। इन आरक्षित सीटों पर राजनीतिक दलों को उम्मीदवार तलाशने में खूब जोर लगाना पड़ रहा है। 100 फीसदी जीत की गारंटी रखने वाले उम्मीदवारों को लेकर मगजमारी की जा रही है। दरअसल, इन 7 सीटों को मिलाकर जम्मू, सांबा, कठुआ और उधमपुर की कुल 24 सीटों में भी एससी उम्मीदवार दलों के लिए एक्स फैक्टर है। क्योंकि 24 सीटों में 17 पर 25 से 30 फीसदी एससी वोटर हैं।जानकारी के अनुसार जम्मू में सुचेतगढ़, मड़, अखनूर और बिश्नाह, सांबा में रामगढ़, कठुआ में कठुआ, उधमपुर में रामनगर सीट एससी आरक्षित है। ये सीटें पहले ओपन थी।
जहां कांग्रेस, भाजपा मुख्य रूप से जीत दर्ज करती आई है। इन सीटों पर बड़े नेता भी जनरल कैटेगरी के रहे हैं। अब जबकि सीटें आरक्षित हैं तो उम्मीदवार तलाश करने में खूब जोर लगाना पड़ रहा है। पार्टियां दूसरे क्षेत्रों के उम्मीदवारों को ढूंढ रही हैं। भाजपा कई चर्चित चेहरों को इन सीटों पर उतारना चाहती है, ताकि जीत दर्ज कर सके। वहीं कांग्रेस भी पुराने एससी नेताओं को साथ जोड़ रही है, ताकि जीत सके। बता दें कि एससी समुदाय में 13 जातियां शामिल हैं।