लोकसभा चुनाव को लेकर पश्चिम बंगाल में काफी फोकस कर रही है बीजेपी,35 लोकसभा सीटों पर जीतने का लक्ष्य रखी है पार्टी
लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. बीजेपी पश्चिम बंगाल में अपने सियासी विस्तार की संभावनाओं को देख रही है और नंबर दो की पार्टी से नंबर बन बनने की जुगत में है. बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को 2024 के चुनाव में बंगाल में 35 लोकसभा सीटें जीतने का टारगेट रखा है. अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मिशन-बंगाल के लिए बीजेपी ने 15 सदस्यीय चुनाव प्रबंधन समिति का गठन कर दिया है. ममता बनर्जी के मजबूत दुर्ग को भेदने के लिए 31 दिसंबर को राज्य के सभी सांसदों, विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बैठक होनी है, जिसमें 35 सीटें जीतने की रूपरेखा तैयारी की जाएगी.2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 18 सीटें जीतने में कामयाब रही थी जबकि 2014 में महज दो सीटें ही जीती थी. 2021 विधानसभा चुनाव में 77 सीटें जीतकर बीजेपी पश्चिम बंगाल में भले ही मुख्य विपक्षी दल बनने में कामयाब रही ही, लेकिन उसके बाद से हालत बदले हैं. बीजेपी को एक के बाद एक बड़े झटके लगे हैं. चुनाव से पूर्व टीएमसी से बीजेपी में आए कई नेताओं ने घर वापसी की, जिसके बाद से ममता बनर्जी के हौसले बुलंद हैं और टीएमसी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है. ऐसे में बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में क्या 35 सीटें जीतने में कामयाब हो पाएगी?2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए सबसे मुश्किल राज्यों में पश्चिम बंगाल शामिल है. बंगाल में सत्ता की हैट्रिक लगा चुकीं ममता बनर्जी विपक्षी गठबंधन INDIA का अहम हिस्सा है, जिसमें कांग्रेस और लेफ्ट भी शामिल है. ममता बनर्जी बंगाल में क्लीन स्वीप करने के मकसद से काम कर रही हैं तो बीजेपी ने 2024 के चुनाव में बंगाल में इस बार 35 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है. इस लिहाज से इस पर काम भी शुरू हो गया है. बीजेपी ने बंगाल में जीत के लिए रणनीति बनाना भी शुरू कर दिया है. इसी लिहाज से अमित शाह और जेपी नड्डा ने बंगाल का दौरा करके 2024 के लोकसभा चुनाव जीतने की पठकथा लिखी है.अमित शाह-जेपी नड्डा ने मंगलवार को कोलकत्ता में बंद कमरे में बंगाल बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक किया और उन्हें 35 सीटें जीतने का टारगेट दिया।
आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी की कोशिश इस लक्ष्य तक पहुंचने की होगी, जिसके लिए उन्होंने प्लान भी बनाया है. शाह ने कहा, ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी की भूमि से पीएम मोदी को 35 सीटें दें, मैं गारंटी देता हूं कि पीएम सोनार बांग्ला बनाएंगे. उन्होंने कहा अगर हम शून्य से 77 सीटें हासिल कर सकते हैं (2021 के विधानसभा चुनावों में) तो हम दो-तिहाई बहुमत के साथ भी सरकार बना सकते हैं. बंगाल में बीजेपी सरकार बनाने का मतलब घुसपैठ, पशु तस्करी और सीएए के माध्यम से धार्मिक रूप से प्रताड़ित लोगों की नागरिकता को समाप्त करना होगा.बीजेपी के लिए बंगाल क्यों अहम है, इसे समझना जरूरी है. देश में 40 से अधिक लोकसभा सीटों वाले चार राज्य हैं और बंगाल इनमें इकलौता ऐसा राज्य है, जहां बीजेपी कभी सत्ता में नहीं रही. आमतौर पर माना यही जाता है कि अगर देश की सत्ता में बने रहना हो तो किसी भी राष्ट्रीय दल का ऐसे कम से कम दो राज्यों में दबदबा होना ही चाहिए. इसके अलावा बंगाल चुनाव के अहम होने की एक वजह इतिहास और विचारधारा से है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1946 में बंगाली हिंदू होमलैंड मूवमेंट शुरू किया था. बंगाल से आरएसएस-बीजेपी के भावनात्मक लगाव की वजह बंगाल का विभाजन. बंगाल की सियासत में लेफ्ट लंबे समय तक काबिज रहा है, जिसका वैचारिक स्तर पर संघ के साथ छत्तीस के आंकड़े हैं. यही वजह है कि बीजेपी का फोकस जनसंघ के दौर से बंगाल पर है।