बीजेपी के महिला विधायक की कार पर हुआ हमला,TMC पर लगाई आरोप,बोली-TMC पार्टी के गुंडों ने किया है हमला

पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में बीजेपी विधायक श्रीरूपा मित्रा चौधरी की कार पर हमला हुआ है। इस हमले में विधायक की कार क्षतिग्रस्त हो गई, जिसका वीडियो भी सामने आया है। बीजेपी विधायक ने इस हमले के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर आरोप लगाया है। श्रीरूपा मित्रा चौधरी ने दावा किया कि शुक्रवार रात मिल्की पुलिस चौकी क्षेत्र के पास टीएमसी के गुंडों ने उनकी कार पर हमला किया।उन्होंने बताया, “पिछली रात मैं मानेक चौक निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं के घरों का दौरा किया था। वहां से रात करीब 10:45 बजे लौट रही थी। इंग्लिश बाजार इलाके में कार के पीछे से तेज आवाज सुनाई दी। हमने देखा कि कार का पिछला शीशा पूरी तरह से टूट गया था। सौभाग्य से मुझे कोई चोट नहीं आई।

मेरी सिक्योरिटी ने वहां दो लोगों को पकड़ लिया। मेरे साथ मौजूद पीएसओ ने कहा कि बाइक पर 4 लोग थे, जिन्होंने कार को टक्कर मारी और उनमें से दो भाग निकले। पुलिस मौके पर पहुंची। पकड़े गए लोगों में से एक के पिता भी वहां आए। उनका नाम मुदस्सिर रहमान था। उन्होंने कहा कि उनके भाई जुएल सिद्दीकी रहमान, जिला परिषद के सदस्य हैं। जुएल के भाई का बेटा हमलावरों में से एक था। उसका नाम रिपोर्ट में है। जुएल सिद्दीकी रहमान टीएमसी के निर्वाचित नेता हैं।”विधायक श्रीरूपा मित्रा चौधरी बंगाल के सीमावर्ती मालदा जिले के इंग्लिश बाजार से बीजेपी विधायक हैं। इन्हें निर्भय दीदी के नाम से भी जाना जाता है। श्रीरूपा मित्रा चौधरी एक सामाजिक कार्यकर्ता, महिला अधिकार कार्यकर्ता के साथ पूर्व में पत्रकार रह चुकी हैं। मित्रा मालदा जिले के दक्षिण बालूचर बटला की रहने वाली हैं। वह पोस्ट ग्रेजुएट हैं और उन्होंने 1987 में नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री ली। उनका विवाह आर.के. मित्रा से हुआ।श्रीरूपा मित्रा चौधरी ने 2004 में नेशनल लीगल लिटरेसी मिशन की लॉन्चिंग में हिस्सा लिया था। 2008 तक उन्होंने कानून और न्याय मंत्रालय के राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के राष्ट्रीय सलाहकार के रूप में कार्य किया। 2010 तक वह एनजीओ सुदिनालय की अध्यक्ष रहीं। कोलकाता में निर्भया दीदी के नाम से मशहूर मित्रा बलात्कार पीड़ितों के पुनर्वास और महिलाओं को शौचालय उपलब्ध कराने की योजना में शामिल थीं। उन्होंने 2012 के दिल्ली गैंग रेप के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा महिलाओं के खिलाफ रेप, तस्करी और हिंसा पर गठित स्पेशल टास्क फोर्स की अध्यक्षता की। दिसंबर 2013 में उन्होंने इस पद से इन अटकलों के बीच इस्तीफा दे दिया कि वह टीएमसी के उम्मीदवार के रूप में मालदा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं।