राजद को टक्कर देने के लिए तैयार है बीजेपी की सेना!कुशवाहा,चिराग और मांझी के सहारे राजद को टक्कर देगी बीजेपी

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बिहार में जाति की राजनीति होती रही है अब जाति आधारित गणना की रिपोर्ट भी सामने आ गई है। नीतीश सरकार ने जैसे ही रिपोर्ट को सार्वजनिक किया उसके बाद अब बयानबाजी के साथ सियासत भी शुरू हो गई है।बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मांग करते हुए कहा कि सरकार राज्य में आबादी के प्रतिशत के हिसाब से सरकारी नौकरी/स्थानीय निकायों में आरक्षण लागू करे. वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया कि उनसे किसी तरह की जानकारी ही नहीं ली गई. इन सबके आइए समझिए कि बिहार में जाति की हो रही राजनीति के बीच नेताओं में कौन किससे मजबूत है।नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं. नीतीश कुमार कुर्मी जाति से आते हैं. जातीय सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में कुर्मी 2.87 फीसद हैं।

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वहीं चिराग पासवान की बात करें तो पासवान जाति प्रदेश में 5.31 फीसद है. उपेंद्र कुशवाहा कोइरी समाज से आते हैं और रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में कोइरी 4.21 फीसद हैं. इसके अलावा जीतन राम मांझी की मुसहर जाति की संख्या 3.08 फीसद है. सबके अधिक यादव समाज की संख्या है जिससे लालू प्रसाद हैं. बिहार में यादव 14.26 फीसद हैं।बता दें कि गणना के अनुसार प्रदेश की कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 पाई गई है. जातीय सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक यादवों के बाद दूसरे नंबर पर पासवान (दुसाध) जाति के लोग हैं।जारी की गई रिपोर्ट की मानें तो यादवों की संख्या एक करोड़ 86 लाख 50 हजार 119 है. दुसाध जाति के लोगों की संख्या 69 लाख 43 हजार है. चमार जाति की बात करें तो इनकी संख्या 68 लाख 69 हजार 664 हैं. कुशवाहा जाति के 55 लाख 60 हजार 113 लोग हैं. हिंदुओं में पांचवें नंबर पर ब्राह्मणों की संख्या है. इनकी आबादी 47 लाख 81 हजार 280 है. सीएम नीतीश कुमार की जाति के लोग 10वें नंबर पर हैं, जबकि भूमिहारों (भूमिहार-ब्राह्मण) की संख्या राज्य की 10 शीर्ष आबादी वाली जातियों से भी बाहर है।

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